इम्फाल। हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर से विपक्ष की 21 सांसदों का समूह वापस आ चुकी है. सांसदों ने मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की और उनको मौजूदा हालात को लेकर ज्ञापन सौंपा. अब मणिपुर से लौटने के बाद एनसीपी(शरद पवार गुट) के सांसद मोहम्मद फैजल ने बड़ी बात कही है. उन्होंने बताया कि मणिपुर […]
इम्फाल। हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर से विपक्ष की 21 सांसदों का समूह वापस आ चुकी है. सांसदों ने मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की और उनको मौजूदा हालात को लेकर ज्ञापन सौंपा. अब मणिपुर से लौटने के बाद एनसीपी(शरद पवार गुट) के सांसद मोहम्मद फैजल ने बड़ी बात कही है. उन्होंने बताया कि मणिपुर के लोगों की पीड़ा को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.
मणिपुर गए 21 सासंदों का समूह वापस आ चुकी है. अब महाराष्ट्र के एनसीपी सांसद (शरद पवार गुट) पी. पी. मोहम्मद फैजल ने मीडिया से बात करते हुए बड़ी बात कही है. उन्होंने बताया कि, ‘हमने मणिपुर में जो कुछ भी देखा और सुना वो उम्मीदों से परे हैं…मणिपुर के लोगों की पीड़ा शब्दों में बयां नहीं की जा सकती. अगर सरकार द्वारा हिंसा की शुरुआत में कार्रवाई की जाती तो आज ऐसी स्थिति नहीं होती.’
एनसीपी सांसद मोहम्मद फैजल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए आगे कहा कि, ‘ मणिपुर को लेकर सरकार मूकदर्शन बनी रही और ठीक से कार्रवाई नहीं की… हमने (21 सासंदों के समूह ने) राज्यपाल अनुसुइया उइके जी से मुलाकात की. राज्यपाल से अनुरोध किया कि मणिपुर के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लाने और इन समुदायों के नेताओं को बुलाकर एक साथ बैठाने के लिए सरकार से बात करें. ‘
अभी पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर से विपक्षी सांसदों का समूह वापस लौट चुका है. वापस आने के बाद विपक्षी सांसद मणिपुर के मौजूदा हालात को लेकर मीडिया से चर्चा की. मणिपुर से लौटने के बाद झामुमो सांसद महुआ माजी ने बताया कि, ‘ मणिपुर में कुकी और मैतेई दोनों समुदाय के लोग परेशान हैं. राज्य में अभी भी हिंसा जारी है…राज्यपाल अनुसुइया उइके ने हम लोगों से पहल करते हुए समाधान निकालने को कहा. वहां के लोग असहाय महसूस कर रहे हैं. कल संसद की अगली बैठक होने वाली है, जिसके बाद हम लोग मणिपुर को लेकर आगे की कार्रवाई तय करेंगे.