लखनऊ: लखनऊ के गद्दीपुरवा गांव में सोमवार सुबह ट्रक से टक्कर के बाद श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली तालाब में पलट गई। जिसका आवाज सुनते ही प्रधान एवं पूर्व प्रधान सहित गांव के 14 लोगों ने जान की परवाह किए बिना तालाब में छलांग लगा दी और 13 लोगों को बाहर निकाला। गांव के अशफाक […]
लखनऊ: लखनऊ के गद्दीपुरवा गांव में सोमवार सुबह ट्रक से टक्कर के बाद श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली तालाब में पलट गई। जिसका आवाज सुनते ही प्रधान एवं पूर्व प्रधान सहित गांव के 14 लोगों ने जान की परवाह किए बिना तालाब में छलांग लगा दी और 13 लोगों को बाहर निकाला। गांव के अशफाक के अनुसार तेज धमाके की आवाज सुनते ही सभी तालाब की तरफ दौड़े। तालाब में देखा कि महिलाएं और बच्चे खुद को बचाने की कोशिश कर रहे थे। शमशुद्दीन ने कहा कि तालाब की गहराई करीब 15 फीट है। जिस जगह ट्रॉली डूबी वहां 10 फीट गहराई है।
पूर्व प्रधान जहूर के अनुसार बचाव कार्य के वक्त पता चला कि ट्रॉली के नीचे कई दबे हैं। इस पर उन्होंने प्रधान राजकुमार, फरकान, महमुद्दीन, जहरूद्दीन, छोटा, सुखील, इसराइल, लईक, हशीब के अलावा अन्य साथ मिलकर ट्रॉली को उठाने का प्रयास की। हालांकि गहरे पानी की वजह से सफलता न मिली। इसी दौरान महोना चौकी प्रभारी 2 सिपाही के साथ जेसीबी लेकर पहुंचे।
14 युवक तालाब में उतरे जहां लोगों को पानी से बाहर निकाल रहे थे तो किनारे खड़े गांव के लोग मदद कर रहे थे। कुछ घायलों को खुली हवा में ले जाकर देख रेख कर रहे थे। गद्दीपुरवा की महिलाएं भी पीछे नहीं हटी। वे घायलों के लिए पानी के अलावा अन्य जरूरी सामान का ला रही थी।
दरअसल, सीतापुर के श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली को ओवरटेक के समय बेकाबू ट्रक ने टक्कर मार दी। सोमवार को इटौंजा जिले में हुआ यह हादसा इतना खतरनाक था कि ट्रैक्टर-ट्रॉली टक्कर से तालाब में पलट गई। ट्रैक्टर-ट्रॉली में 47 लोग सवार थे। ग्रामीणों एवं पुलिस की सहायता से 36 लोगों को बचा लिया गया और 10 की मौत हो गई। मृतकों में 7 महिलाएं और 3 बच्चियां हैं. हादसे होने के बाद चालक ट्रक समेत फरार हो गया। डीएम ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मदद के लिए घोषणा की है।