श्रीनगर: पहाड़ों पर हो रही बारिश कम होने का नाम नहीं ले रही है. इसी बीच जम्मू कश्मीर में बादल फटने की खबर सामने आ रही है. जम्मू के गांदरबल इलाके में बादल फटने से कई घर पानी में बह गए है. इसमें कई लोगों के फंसे होने की खबर मिल रही है. मिली जानकारी […]
श्रीनगर: पहाड़ों पर हो रही बारिश कम होने का नाम नहीं ले रही है. इसी बीच जम्मू कश्मीर में बादल फटने की खबर सामने आ रही है. जम्मू के गांदरबल इलाके में बादल फटने से कई घर पानी में बह गए है. इसमें कई लोगों के फंसे होने की खबर मिल रही है. मिली जानकारी के मुताबिक मौके पर रेस्क्यू टीम पहुंच गई है. घरों में फंसे हुए लोगों को निकालने का काम जारी है.
जम्मू कश्मीर में बादल फटने की घटना सामान्य हो गई है. ऐसा पहली बार नहीं है कि जम्मू में बादल फटा हो. बीते एक महीने में कई बार ऐसा हो चुका है. बता दें कि 28 जुलाई दोपहर को जम्मू के कलजुगासर इलाके में बादल फटने से भरी तबाही हुई. बादल फटने से बाढ़ में वहां पैदल पुल बह गया है. ऐसे में पुल बह जाने से स्थानीय लोगों की आवाजाही प्रभावित हो गई है. प्रशासन ने पुल के मरम्मत का काम शुरू कर दिया है.
बादल फटना एक स्थानीय घटना है जिसमें बहुत कम समय में कभी-कभी ओले पड़ने लगते है साथ ही गरज के साथ भरी मात्रा में बारिश होती है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार अगर एक घंटे में 100 मिमी बारिश हो जाती है तो उसको बादल फटना कहा जाता है. सामान्यतः बादल फटने की घटनाएं 20-30 वर्ग किमी के छोटे क्षेत्र में घटित होती हैं.
भारत में बादल फटने की घटनाएं ज्यादातर हिमालय, पश्चिमी घाट और भारत के पूर्वोत्तर के पहाड़ी राज्यों के में घटित होती हैं. तटीय शहर भी बादल फटने की घटनाओं के प्रत संवेदनशील होते हैं.
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