लखनऊ: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग PCS 2022 की परीक्षा का नतीजे 7 अप्रैल को सामने आ चुके है। इस परीक्षा को पास करने वाले छात्रों के संघर्ष की कहानियां चर्चा का विषय बनी हुई हैं। इसी में से एक नाम है ज्योति चौरसिया का। जी हां, ज्योति के पिता पान की दुकान लगाते थे। […]
लखनऊ: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग PCS 2022 की परीक्षा का नतीजे 7 अप्रैल को सामने आ चुके है। इस परीक्षा को पास करने वाले छात्रों के संघर्ष की कहानियां चर्चा का विषय बनी हुई हैं। इसी में से एक नाम है ज्योति चौरसिया का। जी हां, ज्योति के पिता पान की दुकान लगाते थे। और अब इसी पान वाले की बेटी SDM बनी है। ज्योति चौरसिया ने UPPSC PCS 2022 में 21वां स्थान प्राप्त किया।
….. ज्योति का परिवार कठिन आर्थिक स्थिति से जूझ रहा था लेकिन फिर भी ज्योति का बहुत सहयोग कर रहा था। बड़े भाई ने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और दुकान चलाने लगा। स्वास्थ्य समस्या आ गई है। पांच बार परीक्षा में फेल भी हुए। लेकिन ज्योति का हौसला कभी कम नहीं हुआ। ज्योति चौरसिया मूल रूप से उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की रहने वाली हैं। ज्योति की शिक्षा यहीं पूरी हुई थी। लेकिन यह राह आसान नहीं रही है।
अपनी कहानी बताते हुए ज्योति ने कहा कि घर के हालात ऐसे थे कि भाई को पढ़ाई छोड़कर दुकान पर बैठना पड़ा। मैं 2015 से परीक्षा दे रही थी लेकिन एक बार भी प्री-क्वालीफाई नहीं कर पाई। फिर भी, मेरे परिवार के सदस्यों ने मुझे हौसला दिया। उसने मुझे हार नहीं मानने दी। इस दौरान कुछ स्वास्थ्य समस्याएं भी हुईं। यह मेरा छठा प्रयास था और पहली बार मैंने प्री-क्वालिफाई किया। अब मेरा सिलेक्शन हो गया है। मैं एक ऐसी नौकरी करना चाहती थी जिसमे मैं समाज सेवा कर सकूं।
काम न होने पर मैंने 1997 में पान की दुकान खोली। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण मैं अपने बेटे को ज्यादा शिक्षा नहीं दे सका। वह दुकान में मेरे साथ बैठने लगा। बेटी पढ़ाई में अच्छी थी इसलिए उसे ज्यादा पढ़ाया जाता था। जब उसने कहा कि वह सिविलियन की तैयारी करना चाहती है, तो हम उसका साथ देते हैं। लोग कहते थे कि बेटा माता-पिता का कर्जा नहीं चुका सकता।
लेकिन आज मैं कहता हूं कि हमारा कर्ज बेटी ने चुकाया है। आगे हेमचंद कहते हैं कि बेटी ने उन्हें गर्व महसूस कराया है। UPPSC में 21वीं रैंक लाने वाली ज्योति की आरती उतारी गई। उसे सम्मान दिया गया और मालाएं पहनाई गईं। बता दें, ज्योति को बधाई देने के लिए लोग उन्हें दूर दूर से देखने आ रहे हैं।