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5 साल पहले मरे आदमी के घर गूंजेगी किलकारी, मृतक व्यक्ति बनेगा पिता

नई दिल्ली : नई दिल्ली : मनुष्य ने विज्ञान में बहुत तरक्की कर चुका है। एक समय था जब महिलाओं को संतान प्राप्ति में दिक्क्त होती थी। उन्हें सामाज के ताने-बाने से गुजरना पड़ता था। IVF के कारण इन सबसे छुकारा मिल पाया। आज IVF से माता-पिता के एग और स्पर्म को लैब में फर्टाइल […]

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5 साल पहले मरे आदमी के घर गूंजेगी किलकारी, मृतक व्यक्ति बनेगा पिता
  • October 5, 2024 4:43 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली : नई दिल्ली : मनुष्य ने विज्ञान में बहुत तरक्की कर चुका है। एक समय था जब महिलाओं को संतान प्राप्ति में दिक्क्त होती थी। उन्हें सामाज के ताने-बाने से गुजरना पड़ता था। IVF के कारण इन सबसे छुकारा मिल पाया। आज IVF से माता-पिता के एग और स्पर्म को लैब में फर्टाइल कर माता के गर्भ में भेजा जाता है। इस प्रकिया से महिला को संतान प्राप्ति का सुख मिलता है। हाल ही में दिल्ली से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है।

जहां हाईकोर्ट ने एक मृत व्यक्ति के स्पर्म को उसके परिवार को सौंपने को लेकर अहम फैसला सुनाया. फैसले को लेकर दायर याचिका में मृत व्यक्ति के स्पर्म को परिवार को सौंपने की बात कही गई थी, जिसे लेकर अब दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए हैं.

फ्रोजन स्पर्म का सरकारी आदेश 

साल 2022 नवंबर में हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को नोटिस जारी कर मृतक व्यक्ति के शुक्राणु को अस्पताल से रिलीज करने की मांग वाली याचिका पर जवाब मांगा था, जिसे मृतक के माता-पिता ने दायर किया था। याचिका में मृतक के पिता ने कहा था कि सर गंगाराम अस्पताल में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन लैब में रखे उसके बेटे का स्पर्म उन्हें दे दिया जाए, जिसकी 2020 में कैंसर से मौत हो गई थी। माता-पिता ने अस्पताल से संपर्क किया लेकिन अस्पताल ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उनके पास इसे रिलीज करने का कोई सरकारी आदेश नहीं है और वे इसे केवल अदालत के आदेश पर ही रिलीज कर सकते हैं।

 

दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश

मामला करीब 5 साल पुराना है. जहां सर गंगा राम अस्पताल में कैंसर से मरे एक व्यक्ति के स्पर्म को रिलीज करने का आदेश दिया गया था. मृत व्यक्ति के स्पर्म को लेकर आया हाईकोर्ट का आदेश दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक चौंकाने वाले फैसले से सभी को चौंका दिया. हाईकोर्ट ने दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल को आदेश दिया कि वह एक मृत व्यक्ति के फ्रोजन स्पर्म को बच्चे के जन्म के लिए उसके माता-पिता को दे.

हाईकोर्ट ने कहा कि भारतीय कानून में मृत्यु के बाद बच्चा पैदा करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने मृत व्यक्ति के पिता की अपील पर यह फैसला सुनाया. मृतक के पिता चाहते थे कि उनके बेटे का स्पर्म उन्हें दिया जाए ताकि वह अपना वंश आगे बढ़ा सकें. न्यायाधीश ने कहा कि माता-पिता की मृत्यु के बाद कई दादा-दादी अपने पोते-पोतियों का पालन-पोषण करते हैं और यह एक आम बात है।

 

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