ऊना। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के उपमंडल बंगाणा के तहत एक गांव में दहेज ना मिलने पर युवक ने रिश्ता तोड़ दिया। यह शादी हमीरपुर के रहने वाले लड़के और ऊना की रहने वाली लड़की के बीच हो रही थी। लेकिन बारात के निकलने से ठीक पहले अचानक दूल्हे के परिवार ने दहेज की […]
ऊना। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के उपमंडल बंगाणा के तहत एक गांव में दहेज ना मिलने पर युवक ने रिश्ता तोड़ दिया। यह शादी हमीरपुर के रहने वाले लड़के और ऊना की रहने वाली लड़की के बीच हो रही थी। लेकिन बारात के निकलने से ठीक पहले अचानक दूल्हे के परिवार ने दहेज की मांग करते हुए दुल्हन पक्ष से गाड़ी, जेवर और नकदी की मांग करना शुरू कर दिया। जब उन्होंने दहेज देने से इंकार कर दिया, तो दूल्हा बारात ना लाने की धमकी देने लगा। जिसके विरोध में दुल्हन के परिवार की तरफ से दूल्हे के खिलाफ बंगाणा के थाने में एफआईआर दर्ज करा दी गई है।
मामले में दूल्हे के खिलाफ शिकायत लड़की के भाई ने की है। पुलिस शिकायत के आधार पर मामले की जांच कर रही है। शिकायतकर्ता भाई ने बताया है कि परिवार का शादी में 20 लाख रुपए से ज्यादा खर्च होने के अलावा उनकी प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंची है। पुलिस दहेज लेने के एंगल से मामले की जांच कर रही है। एएसपी प्रवीण धीमान ने बताया कि उन्हें इस मामले में शिकायत मिली है। मामले की जांच करने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस को दी शिकायत में बताया गया है कि बेटी की शादी जिला हमीरपुर के युवक से होने वाली थी। जिसके लिए 19 फरवरी को चुनरी चढ़ाने की रस्म अदा की गई। जबकि 21 फरवरी को शगुन बगैरा दिया गया और बुधवार रात्रि बारात आनी थी। आरोप है कि दोपहर के समय ब्रह्मभोज चला हुआ था कि तभी दूल्हे की तरफ से फोन आया कि रात को बारात तब आएगी, जब गाड़ी व आभूषण दिए जाएंगे।
बता दें, दहेज निषेध अधिनियम, 1961 के अनुसार दहेज लेन-देन में सहयोग करने पर पांच साल की कैद और 15 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। दहेज के लिए उत्पीड़न करने पर भारतीय दंड सहिता की धारा 498-ए के तहत कीमती वस्तुओं के लिए अवैधानिक मांग के मामले से संबंधित है। इसके तहत तीन साल की कैद और जुर्माना हो सकता है।
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