नई दिल्ली। सियाचिन में अपने साथियों को बचाने के दौरान शहीद हुए कैप्टन अंशुमान सिंह के परिवार को उनके साहस और बहादुरी के लिए राष्ट्रपति ने 5 जुलाई 2024 को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया। कीर्ति चक्र लेने शहीद अंशुमान की पत्नी और उनकी मां गई थी। इसी बीच अंशुमान सिंह के माता-पिता का एक […]
नई दिल्ली। सियाचिन में अपने साथियों को बचाने के दौरान शहीद हुए कैप्टन अंशुमान सिंह के परिवार को उनके साहस और बहादुरी के लिए राष्ट्रपति ने 5 जुलाई 2024 को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया। कीर्ति चक्र लेने शहीद अंशुमान की पत्नी और उनकी मां गई थी। इसी बीच अंशुमान सिंह के माता-पिता का एक और दर्द छलक कर बाहर आया है
दरअसल अंशुमान सिंह के माता-पिता ने उनकी पत्नी स्मृति पर आरोप लगाया है कि वो अपने पति की फोटो एल्बम, कपड़े के साथ साथ सरकार द्वारा दिए गए कीर्ति चक्र को भी लेकर अपने मायके गुरदासपुर चली गई हैं। माता-पिता का आरोप है कि बहू ने बिना उनकी मर्जी के उनके शहीद बेटे का दस्तावेज में दर्ज स्थाई पता भी बदलवा करके गुरदासपुर कर दिया है। हालांकि इन आरोपों पर स्मृति ने अब तक कुछ जवाब नहीं दिया है।
शहीद अंशुमान सिंह के पिता राम प्रताप सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमने बेटे की खुशी के लिए स्मृति से उसकी शादी की थी। दोनों परिवार बेहद खुश थे और बड़े शौक अरमान से ये शादी हुई। शादी के बाद स्मृति अपनी ननद के साथ नोएडा में बीडीएस की पढ़ाई करने लगी। 19 जुलाई को जब उनका बेटा शहीद हुआ तो वो गोरखपुर आईं। हालांकि 13वीं के अगले दिन ही जाने की जिद्द करने लगी। स्मृति के पिता ने पूरी जिंदगी का हवाला दिया तो मैंने कहा अब ये मेरी बेटी है। अगर स्मृति चाहेगी तो हम दोनों मिलकर खुशी खुशी इसकी शादी करेंगे। मैं उसे एक पिता की हैसियत से विदा करूंगा लेकिन स्मृति जब गई तो नोएडा से उनके बेटे का सारा सामान लेकर चली गईं।