पटना: तपती गर्मी के बीच बिहार के गया से बेहाल जनता की खबर आई है। दरअसल, गया के कई इलाकों में लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। हालांकि जिला प्रशासन इन जिलों में पानी भेजकर इस समस्या का समाधान कर रहा है और कोशिश कर रहा है कि किसी को पानी की चिंता […]
पटना: तपती गर्मी के बीच बिहार के गया से बेहाल जनता की खबर आई है। दरअसल, गया के कई इलाकों में लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। हालांकि जिला प्रशासन इन जिलों में पानी भेजकर इस समस्या का समाधान कर रहा है और कोशिश कर रहा है कि किसी को पानी की चिंता न हो। ऐसा ही एक गांव डुमरिया में स्थित है जहां पिचुलिया गांव के लोगों को पिछले कुछ दिनों से पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। यहां के लोग गांव से दूर एक कुआं और चापाकल को पानी से भरकर गुजारा करते हैं।
इसके साथ ही बता दें कि गांव में ज्यादातर चापाकल सूख गए हैं। वहीं, बिजली न होने के कारण नल जल व्यवस्था भी 6 माह से बंद पड़ी है। पानी की समस्या को लेकर जिला प्रशासन ने पहले टैंकर ट्रक से इस गांव में पानी भेजा, लेकिन दो दिनों तक लोगों को टैंकर ट्रक से पानी मिलने के बाद यह बंद हो गया। एक मीडिया रिपोर्ट की मानें तो ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें टैंकर का पानी केवल 2 दिनों के लिए दिया गया था। फिर भी कई सारे लोगों को उनका लाभ नहीं मिल सका। बता दें कि उस दिन से एक भी टैंकर नहीं आया है, जिससे भी लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
हम आपको बता दें कि राजधानी से 90 किलोमीटर दूर पहाड़ों में बसे इस कस्बे के लोग पानी के लिए काफी परेशान रहते हैं। पानी के लिए लोग गांव से एक किलोमीटर दूर बने हैंडपंप से पानी भरते हैं, लेकिन यह हैंडपंप भी 1 घंटे में जवाब दे देता है। इससे लोग कुएं से पानी भरकर अपना गुज़ारा करने को मजबूर हैं। इस भीषण गर्मी में चापाकलों के पास पानी की तलाश में निकले जानवर भी नजर आ रहे हैं। इस नज़ारे को देखकर साफ पता चल रहा है कि सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि जानवर भी पानी की बूंद को लेकर परेशान हैं।
साथ ही पूरे मामले के बारे में गांव वालों का कहना है कि “गांव में तालाब नहीं है इसलिए गर्मी के दिनों में गांव में पानी का स्तर नीचे चला जाता है, इसलिए पानी की एक-एक बूंद के लिए काफी मशक्क्त करनी पड़ती है”। दूर से पानी लाने के बाद ही खाना पक पाता है। इंसानों के साथ-साथ जानवरों को भी दिक्कत होती है। अब लोगों की जिला प्रशासन से गुज़ारिश है कि इस इलाके में तालाब व पोखर बनवाए जाएं ताकि आने वाले दिनों में लोगों को पानी के लिया तरसना न पड़े और उनकी समस्या हल हो सके।