नई दिल्ली: अक्सर एडमिशन, छात्रवृति या सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आय प्रमाण पत्र की मांग की जाती है. गांव-देहातों में आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए वकीलों को पैसे दे दिए जाते हैं ताकि वो जल्दी बनाकर दे सके.
नई दिल्ली: अक्सर एडमिशन, छात्रवृति या सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आय प्रमाण पत्र की मांग की जाती है. गांव-देहातों में आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए वकीलों को पैसे दे दिए जाते हैं ताकि वो जल्दी बनाकर दे सके. अधिकांश आय प्रमाण पत्र में 24 हजार से 30 हजार रुपये के बीच सालाना आय दिखाई जाती है, ताकि सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल सके, लेकिन क्या आपने कभी ऐसा देखा है कि किसी की सालाना आय 2 रुपये हो, अगर नहीं, तो चलिए जानते है.
दरअसल यह मामला मध्य प्रदेश के सागर जिले के बंडा तहसील का है, जहां एक शख्स का सालाना आय मात्र 2 रुपये है और इसका प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया है. तहसीलदार के हस्ताक्षर के बाद ही यह प्रमाण पत्र जारी किया गया है. इस प्रमाण पत्र को जनवरी 2024 में बनाया गया है. आपको बता दें कि यह मामला सोशल मीडिया के जरिए प्रकाश में आया, इस आय प्रमाण पत्र में पूरे परिवार की सालाना आय मात्र 2 रुपये दिखाई गई है. वहीं इस संबंध में बंडा तहसीलदार महेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि यह मामला प्रकाश में आया है, लेकिन मेरी पदस्थापना से पहले की है. इसे जांच करा रहे हैं यदि यह संशोधित नहीं हुआ है तो इसे सही किया जाएगा.
तहसीलदार महेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि वायरल होने के बाद इसकी पड़ताल की गई. जिसमें पता चला कि यह प्रमाण पत्र बंडा ब्लॉक के घूघरा गांव निवासी बराम चढ़ार का है. उन्होंने जनवरी महीने में आवेदन दिया था, जिसमें सालाना इनकम 40 हजार रुपये लिखी थी, लेकिन आवेदन को ऑनलाइन करते समय सालान इनकम 2 रुपये लिख दी गई. ऑनलाइन आवेदन के बाद आय प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई, इस दौरान क्लर्क से लेकर तहसीलदार तक आवेदन पहुंचा. तत्कालीन बंडा तहसीलदार ज्ञानचंद्र राय ने आवेदन पर हस्ताक्षर कर आय प्रमाण पत्र जारी कर दिया. उन्होंने ये भी नहीं देखा कि आवेदन की आय मात्र 2 रुपये लिखी है. इस सबंध में हमने ज्ञानचंद्र राय से बात की तो उन्होंने फोन काट दिया. तहसीलदार ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है.
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