हाथरस वाले बाबा को बचाने में जुटा प्रशासन, ये वजहें बताकर FIR में नहीं दिया नाम

Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से 116 लोगों की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 105, 110, 126 (2), 223 और 238 के तहत देवप्रकाश मधुकर और उस धार्मिक आयोजन के अन्य आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। हालांकि इसमें बाबा का नाम नहीं है। बाबा का नाम न होने को लेकर सवाल उठाये जा रहे हैं।

दागी बाबा को बचा रही पुलिस?

कहा जा रहा है कि अपराधी बाबा सूरजपाल का नाम FIR में इसलिए नहीं दिया गया है क्योंकि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं था। हादसा होने से पहले ही वह वहां से निकल चुका था। सरकारी सूत्रों के मुताबिक जब यह हादसा हुआ तब तक बाबा वहां से चले गए थे। इस वजह से एफआईआर में उनका नाम नहीं दिया गया है। दूसरी वजह यह बताई जा रही कि आयोजनों में आयोजक की भूमिका होती है न कि प्रवचनकर्ता की। कितने लोग आएंगे, कैसे बैठेंगे और कहां खड़े रहेंगे ये सब देखना आयोजनकर्ता का काम है। प्रशासन इस मामले में बाबा पर FIR आगे भी नहीं दर्ज कर सकता है।

कौन हैं भोले बाबा?

भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल है और वह एटा जिले के बहादुर नगरी गांव का रहने वाला है। बाबा की शुरूआती पढ़ाई एटा में ही हुई थी। बाद में उत्तर प्रदेश पुलिस में नौकरी लग गई। यूपी पुलिस में हेड कांस्टेबल की नौकरी के दौरान उसके ऊपर यौन शोषण का केस दर्ज हुआ, जिसमें नौकरी चली गई। जेल से छूटने के बाद उसने अपना नाम बदलकर नारायण हरि उर्फ साकार विश्वहरि रख लिया। लोग उसे भोले बाबा कहकर बुलाने लगे। सत्संग में उसकी पत्नी भी साथ में रहती है।

यौन शौषण में जेल रिटर्न भोले बाबा को अखिलेश यादव कहते हैं ब्रह्माण्ड का बड़ा संत?

Tags

hathras stampedeउत्तर प्रदेशएटादेवप्रकाश मधुकरसूरजपालहाथरस
विज्ञापन