बेंगलुरु, कर्नाटक के शिवमोगा शहर में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अमीर अहमद सर्कल में वीर सावरकर का पोस्टर लगाए जाने के बाद बवाल खड़ा हो गया. यहां कुछ मुस्लिम युवकों ने हिंदू समर्थक ग्रुप द्वारा लगाए गए पोस्टर्स का विरोध करना शुरू कर दिया. यहाँ तक कि मुस्लिम युवकों ने सावरकर के पोस्टर्स हटाने […]
बेंगलुरु, कर्नाटक के शिवमोगा शहर में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अमीर अहमद सर्कल में वीर सावरकर का पोस्टर लगाए जाने के बाद बवाल खड़ा हो गया. यहां कुछ मुस्लिम युवकों ने हिंदू समर्थक ग्रुप द्वारा लगाए गए पोस्टर्स का विरोध करना शुरू कर दिया. यहाँ तक कि मुस्लिम युवकों ने सावरकर के पोस्टर्स हटाने की भी कोशिश की. मामले की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची तो विरोध होने लगा, जिसके बाद इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया. इसके साथ ही मेंगलुरु के सुरतकल चौराहे का नाम सावरकार के नाम पर रखने वाले एक बैनर को वहां से हटा दिया गया.
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के कार्यकर्ताओं ने सावरकर के बैनर पर आपत्ति जताई थी. एसडीपीआई की सुरतकल इकाई ने बैनर पर आपत्ति जताई थी, वहीं निगम आयुक्त अक्षय श्रीधर ने बैनर को हटाने के आदेश दिए थे जिसके बाद रविवार शाम को बैनर हटा दिया गया. सावरकर के पोस्टर्स हटाने को लेकर इतना विवाद बढ़ गया कि पुलिस को मामले को शांत करवाने के लिए लाठी चार्ज करना पड़ा.
SDPI के स्थानीय नेता ने बताया कि सुरतकल एक संवेदनशील इलाका है इसलिए मामले को गंभीरता से लिया गया है. एसडीपीआई भी सर्कल का नाम सावरकर के नाम पर रखने का विरोधी है, बता दें कि बीते कुछ समय में कर्नाटक से कई सांप्रदायिक घटनाएं सामने आई हैं, ऐसे में आज के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने इलाके में कर्फ्यू लगा दिया है.
कर्नाटक में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्वतंत्रता सेनानियों के साथ टीपू सुल्तान का भी पोस्टर लगाया था, जिसके बाद डीके शिवकुमार घटनास्थल पर पहुंचे था. वहीं, शिवकुमार ने सीएम बोम्मई को निशाने पर लिया और कहा कि उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की लिस्ट से पंडित नेहरू का नाम तो गायब कर दिया है, वहीं कई ट्वीट करके उन्होंने सावरकर पर भी हमला किया था.
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