नई दिल्ली: उत्तरप्रदेश के मख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में रहने वाले सभी किराएदारों को बड़ी राहत दी है. दरअसल, यूपी में किराएदार और मकान मालिकों के बीच किराए वसूली के बढ़ते विवादों को कम करने के मकसद से योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है और सरकार ने एक नया अध्यादेश लागू किया है, जिसके तहत अब मकान मालिक किराए में मनमानी बढ़ोतरी नहीं कर सकेंगे. लिहाजा प्रदेश में अब बिना कॉन्ट्रैक्ट के किराए का मकान नहीं मिल सकेगा.
बता दें कि योगी सरकार ने शुक्रवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए उत्तर प्रदेश नगरीय किरायेदारी विनियमन अध्यादेश-2021 ( Tenancy regulation ordinance) को मंजूरी दे दी है. इस अध्यादेश के तहत अब मकान मालिक सालाना 5 से 7 फीसदी तक ही किराया बढ़ा सकेगा. साथ ही अध्यादेश के अनुबंध के आधार पर ही किराए पर मकान दिया जाएगा. वहीं इससे जुड़े विवादों का निपटारा रेंट अथॉरिटी एवं रेंट ट्रिब्युनल करेंगे. इसके अलावा ट्रिब्युनल को 60 दिन के अंदर किराएदार और मकान मालिक के बीच का विवाद निस्तारण करना होगा.
नए अध्यादेश के तहत किराएदारों को मिलेंगे यह लाभ
शुक्रवार से लागू उत्तर प्रदेश नगरीय किरायेदारी विनियमन अध्यादेश-2021 में किराएदारों के लिए प्रमुख व्यवस्था रखी गई हैं, आइए आपको बताते हैं कि अब से किराएदार और मकान मालिक को किन-किन नियमों का पालन करना होगा.
1. आवासीय भवन पर 5 फीसदी और गैर आवासीय पर 7 फीसदी सालान किराया बढ़ाया जा सकता है.
2. किराएदार को भी जगह की देखभाल करनी होगी.
3. दो महीने तक किराया न मिलने पर मकान मालिक किराएदार को हटा सकेंगे
4. मकान मालिक से बिना पूछे किराएदार कोई तोड़फोड़ मकान में नहीं करा सकेगा.
5. पहले से रह रहे किराएदारों के साथ अनुबांध के लिए 3 महीने का समय
6. किराया बढ़ने के विवाद पर रेंट ट्रिब्युनल संशोधित किराया और किराएदार द्वारा देय अन्य शुल्क का निर्धारित कर सकेंगे.
7. सिक्योरिटी डिपॉजिट के नाम पर मकान मालिक दो महीने से ज्यादा का एडवांस नही ले सकेंगे.
8. गैर आवासीय परिसरों के लिए 6 महीने का एडवांस लिया जा सकेगा.
9. समय पर देना होगा किराया
10. मकान मालिक को देनी होगी किराए की रसीद
11. किराएदारी अनुबंध पत्र की मूल प्रति का एक-एक सेट दोनों के पास रहेगा
12. अनुबंध अवधि में मकान मालिक किराएदार को नहीं कर सकता बेदखल
13. मकान मालिक को जरूरी सेवाएं देनी होंगीं
गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश नगरीय किरायेदारी विनियमन अध्यादेश-2021, राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रदेश के उपक्रम, कंपनी, विश्वविद्यालय या कोई संगइन, सेवा अनुबंध के रूप में अपने कर्मचारियों को मकान देना, धार्मिक संस्थान, लोक न्याय अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड ट्रस्ट, वक्फ संपत्ति पर लागू नही होगा.
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