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Baba karu dham mandir : 4 साल बाद खुली मंदिर की दानपेटी… सड़ गए लाखों के नोट

पटना: बिहार के सहरसा जिले में स्थित बाबा कारू धाम मंदिर की दान पेटी को खोला गया है जो 4 साल बाद खोली गई. इस दानपेटी में करीब 50 लाख रुपये के नोट निकलने की संभावना है जिनकी गिनती की जा रही है. हालांकि इनमें से लाखों मूल्य के नोट सड़े-गले भी हैं. दो दिन […]

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  • June 14, 2023 7:11 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

पटना: बिहार के सहरसा जिले में स्थित बाबा कारू धाम मंदिर की दान पेटी को खोला गया है जो 4 साल बाद खोली गई. इस दानपेटी में करीब 50 लाख रुपये के नोट निकलने की संभावना है जिनकी गिनती की जा रही है. हालांकि इनमें से लाखों मूल्य के नोट सड़े-गले भी हैं. दो दिन से इन नोटों की गिनती जारी है जिसे लेकर प्रशासनिक अधिकारी एसडीओ पर भी आरोप लगाया जा रहा है. आरोप है कि दानपेटी पर ध्यान नहीं दिया गया जिस वजह से इस नोट सड़ते रहे.

रख-रखाव पर सवाल

दरअसल बिहार के सहरसा जिले में कई सालों बाद बाबा कारू धाम की दान पेटियों को खोला गया. इस दौरान दानपेटी से करीब 50 लाख रुपए बाहर आ सकते हैं. इसकी गिनती अभी भी चल रही है जो दो दिन पहले शुरू हुई थी. बताया जा रहा है कि इन नोटों की गिनती आने वाले 15 दिनों तक चलेगी. अब तक दानपेटी से लाखों रुपये मूल्य के नोट निकाले जा चुके हैं जिनमें से लाखों रुपये के मूल्य वाले नोट बुरी तरह सड़े-गले भी मिले हैं. मंदिर के पुजारी, श्रद्धालु समेत कई लोग इस बात से आहत हैं. मंदिर और मंदिर की संपत्ति के रख-रखाव को लेकर भी सवाल उठाए जा रही हैं.

15 दिन चलेगी काउंटिंग

इसी कड़ी में मंदिर अध्यक्ष प्रशासनिक अधिकारी एसडीओ पर आरोप लगा है कि पिछले 4 सालों में उन्होंने मंदिर की दानपेटी का ठीक से रख रखाव नहीं किया इसलिए नोटों की हालत खराब हो गई. बता दें, इस मंदिर परिसर में कुल छह दान पेटियां हैं जिनमें से केवल एक को ही खोला गया है. दंडाधिकारी रामनाथ प्रसाद ने बताया कि अगले 15 दिनों तक इन पेटियों में से नोटों की गिनती की जाएगी. मंदिर के महंत बाबा उपेंद्र खिरहर का कहना है साल 2018 से लेकर साल 2019 तक इन पेटियों की ओर किसी का भी ध्यान नहीं गया जिसके लिए न्यास बोर्ड गठित किया गया है.

जब श्रद्धालु भगवान को पानी या दूध अर्पित करते हैं तो इस बीच कुछ हिस्सा पेटी में गिर जाता है. जिस कारण पेटी के नोटों का ये हश्र हुआ है. पिछले कई वर्षों से दान पेटी को खोला नहीं गया था इसलिए ये नोट ठीक से रखरखाव ना कर पाने की वजह से सड़ गए. हालांकि मंदिर में नोट को जमा करवाने के लिए बैंक भेजने का प्रावधान है लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.

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