तेलंगाना नई दिल्ली, तेलंगाना की सरकार अब खुलकर केंद्र की धान नीति का विरोध करने सामने आ रही है. इसी कड़ी में टीआरएस के सांसद, विधायक, एमसएलसी और शहरी व ग्रामीण स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधि के साथ 11 को धरने के ज़रिये विरोध किया जाएगा. राज्य सरकार के मंत्री का हमला धरना प्रदर्शन से […]
नई दिल्ली, तेलंगाना की सरकार अब खुलकर केंद्र की धान नीति का विरोध करने सामने आ रही है. इसी कड़ी में टीआरएस के सांसद, विधायक, एमसएलसी और शहरी व ग्रामीण स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधि के साथ 11 को धरने के ज़रिये विरोध किया जाएगा.
धरना प्रदर्शन से पहले राज्य सरकार के मंत्री केटी रामा राव ने केंद्र सरकार पर अपना हमला बोला, जहां उन्होंने कहा, केंद्र सरकार तेलंगाना के लोगों, खासकर किसानों को धोखा दे रही है. इसके अलावा पिछले साल1 दिसंबर को, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा था कि रबी की फसल,चाहे वह चावल उबले हों या कच्चे उनकी खरीद की जाएगी.
केन्द्र सरकार पर धान की खरीद को लेकर तेलंगाना के किसानों के साथ सौतेला वर्ताव करने का आरोप लगाया गया है.बता दें धान की खरीद को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से मनाही की गयी है. अब तेलंगाना के जन प्रतिनिधि इस भेदभाव की नीति के खिलाफ किसानों के आक्रोश की अभिव्यक्ति के लिए तेलंगाना भवन पर सोमवार सुबह दस बजे प्रदर्शन करने जा रहे हैं.
प्रदर्शन करने जा रहे जनप्रतिनिधि बताते हैं, तेलंगाना के किसान भी इस देश कि किसान हैं.उनकी धान की फसल तैयार हो चुकी है. धान की खरीद नहीं होगी तो उनकी कमर टूट जाएगी. वे क़र्ज़ के बोझ में दब जाएंगे. किसानों की इसी पीड़ा को देखकर तेलंगाना के जन प्रतिनिधि, विधायक, मंत्री, सांसद इस धरना-प्रदर्शन में शामिल होकर पूरे देश के लिए समान धान खरीद (प्रोक्योरमेंट) नीति की मांग कर रहे हैं, ताकि तेलंगाना के किसानों को न्याय मिल सके.
बता दें कि इस सिलसिले में टीआरएस के नेता ने केंद्र सरकार से तेलंगाना के चावल की खरीद की मांग की थी. लेकिन केंद्र सरकार ने इसपर अपना जवाब देते हुए साफ़ किया था कि वह केवल कच्चे चावल ही खरीद सकती है न कि उसना चावल जिसकी खपत बड़े पैमाने पर नहीं है.