तेलंगाना की विधानसभा भंग हो गई है. मुख्यमंत्री के सी राव ने गुरुवार को इसको लेकर मंत्रीमंडल की बैठक बुलाई थी जिसके बाद उन्होंने गर्वनर से मिलकर जल्द चुनाव कराने की मांग भी की है.
नई दिल्ली. तेलंगाना विधानसभा भंग हो चुकी है. तेलंगाना सरकार ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी. मुख्यमंत्री केसी राव ने इसको लेकर गुरुवार को कैबिनेट की मीटिंग बुलाई और मीटिंग खत्म होने के बाद राव राज्य के गवर्नर से मिलने पहुंचे. खबर है कि विधानसभा भंग करने के पीछे राज्य सरकार की मंशा समय से पहले चुनाव कराना है. बता दें कि साल 2014 में के चंद्रशेखर राव राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने. उनकी सरकार का कार्यकाल 2019 में पूरा होना है लेकिन वे इस साल के अंत तक चार अन्य राज्यों मध्यप्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के साथ अपने राज्य में चुनाव कराना चाहते हैं.
बता दें कि रविवार को भी इसके लिए एक कैबिनेट बैठक बुलाई गई लेकिन इसपर कोई निर्णय नहीं हो सका. पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी पहले ही शुरु कर दी है. केसी राव आने वाले 50 दिनों में 100 विधानसभा क्षेत्रों में 100 जनसभाओं को संबोधित करेंगे.
विधानसभा भंग को लेकर टीआरएस के एक नेता ने कहा कि राज्य सरकार के इस फैसले पर पार्टी के भीतर और बाहर कोई सवाल नहीं खड़े कर सकता है. कैबिनेट की मीटिंग के पहले चंद्रशेखर राव ने सांसदों और विधायकों से मुलाकात की. जिसके बाद से माना जा रहा था कि वे इसके लिए पूरी तरह मन बना चुके हैं. 6 को शुभ मानने वाले राव ने इसके लिए भी 6 सितंबर की तारीख को ही चुना है.
राज्य सरकार के ऐसा करने के पीछे एक वजह यह भी मानी जा रही है कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्तावऔर राज्यसभा उपसभापति के चुनाव के मामले में कांग्रेस और टीडीपी एक पक्ष में थे. ऐसे में टीआरएस के लग रहा है कि दोनों पार्टियों लोकसभा चुनाव के समय गठबंधन न हो जाए. वहीं केसी राव इसी साल राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ चुनाव कराना चाहते हैं उन्हें लगता है कि उत्तरी प्रदेशों में से किसी में कांग्रेस को जीत मिल ने पर शायद तेलंगना कांग्रेस वापस अच्छी स्थिति में लौट आए और लोकसभी चुनाव में उन्हें टक्कर दे दे.
एक अन्य वजह की बात करें तो विधानसभा भंग होने से लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ नहीं हो सकेंगे जिससे टीआरएस एआईएमआईए के साथ गठबंधन के जरिए 12 प्रतिशत अल्पसंख्यक वोटरों को लुभाने में सफल रह सकती है.
यहां पढ़ें Telangana Assembly Dissolution Highlights: