शुक्रवार को तेलंगाना के मिरयालगुडा कस्बे में 23 साल के दलित युवक प्रणय कुमार की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. उन्होंने अमृता से 6 महीने पहले इंटरकास्ट मैरिज की थी, जिससे उनके परिवार वाले बेहद खफा थे. जब वह 14 सितंबर को 5 महीने की गर्भवती पत्नी अमृता के साथ अस्पताल से बाहर आ रहे थे, तभी तेज धार हथियार से उन पर वार किया गया, जिससे उनकी मौत हो गई.
हैदराबाद: तेलंगाना के अॉनर किलिंग मामले में मंगलवार को पुलिस ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया. आरोपियों में दो एेसे भी हैं, जिन्हें गुजरात के पूर्व गृहमंत्री हरेन पांड्या की हत्या के मामले में बरी किया गया था. आरोपियों की पहचान टी मुरुथी राव (ए1), सुभाष शर्मा (ए2), असगर अली (ए3), मोहम्मद अब्दुल बरी (ए4), अब्दुल करीम (ए5), टी श्रवण (ए6) और समुद्रला शिवा (ए7) के तौर पर हुई है.
23 वर्षीय दलित युवक प्रणय कुमार की शुक्रवार को उस समय हत्या कर दी गई, जब वह 5 महीने की गर्भवती पत्नी अमृता वर्षिणी संग एक अस्पताल से बाहर निकल रहे थे. कुमार ने छह महीने पहले अमृता के साथ अंतरजातीय विवाह किया था.
कब क्या हुआ: एक प्रेस वार्ता के दौरान एसपी वी रंगनाथ ने कहा, मुरुथी राव करीम के जरिए अब्दुल बारी के संपर्क में आया. करीब ने बारी और असगर को मर्डर का प्लान बताया.जुलाई के पहले हफ्ते में इन सभी ने मिरयालगुडा में मुरुथी राव से शुरुआत में असगर और बारी ने 2.5 करोड़ रुपये की डिमांड रखी. लेकिन डील 1 करोड़ रुपये पर तय हुई.
एसपी ने कहा, उन्होंने बतौर एडवांस 50 लाख मांगे, लेकिन उन्हें 15 लाख रुपये दिए गए. रामोजी फिल्म सिटी के पास करीम ने बारी को एडवांस दिया. बारी ने उसमें से 8 लाख रुपये ले लिए, 6 लाख असगर को मिले और करीम को 1 लाख. यह सब 9 और 10 जुलाई को हुआ. 9 अगस्त को उन्होंने रेकी की. जब प्रणय, उसका भाई और अमृता ब्यूटी पार्लर आए तो असगर अली और सुभाष शर्मा वहां मौजूद थे. लेकिन वे जानते नहीं थे कि दोनों भाइयों में से प्रणय कौन है, इसलिए उन्होंने उसे मारने का प्लान रोक दिया.
पिता को हुआ था शक: 22 अगस्त को सुभाष प्रणय के घर गया और उसके पिता बालास्वामी से पूछा कि क्या उनकी कार किराये पर मिलेगी? उसके हिंदी लहजे से बालास्वामी को शक हुआ, जिसके बाद कातिलों ने दूसरा प्लान बनाया. इसके बाद एक सितंबर को वे अमृता को किडनैप करके प्रणय को जान से मार देना चाहते थे. असगर ने इसके लिए हैदराबाद से चार लोगों को बुलाया.
एसपी ने बताया, वे सभी नशे में थे, लिहाजा असगर ने सोचा कि वे मर्डर को अंजाम नहीं दे पाएंगे. इसके बाद 14 सितंबर को उन्होंने कत्ल को अंजाम दिया. हथियार का बंदोबस्त असगर ने किया. हत्या के दिन असगर भी अस्पताल में मौजूद था. उसने बारी को फोन करके बताया कि प्रणय को मार दिया गया है. इसके बाद उसने बारी से बाकी राशि अरेंज करने को कहा. पुलिस ने कहा कि आईपीसी की धारा 302 (मर्डर) और एससी/ एसटी अत्याचार रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है.
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