हैदराबाद: तेलंगाना के मुख्यमंत्री और BRS पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष KCR उर्फ़ के चंद्रशेखर राव ने सामान नागरिक संहिता का विरोध किया है. उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह देश के विकास को नज़रअंदाज़ कर UCC के नाम पर जनता को बांटने की साजिश कर रही है. UCC बिल पर […]
हैदराबाद: तेलंगाना के मुख्यमंत्री और BRS पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष KCR उर्फ़ के चंद्रशेखर राव ने सामान नागरिक संहिता का विरोध किया है. उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह देश के विकास को नज़रअंदाज़ कर UCC के नाम पर जनता को बांटने की साजिश कर रही है.
मुख्यमंत्री KCR ने आगे कहा कि वह केंद्र सरकार द्वारा लोगों की एकता को तोड़ने के लिए लाए गए फैसले को स्पष्ट रूप से खारिज कर देंगे. आगामी संसद सत्र में वह समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक का विरोध करेंगे. आगे सीएम केसीआर ने स्पष्ट कर दिया कि वह सामान भावनाओं वाले दलों को साथ लाकर UCC बिल पर लड़ेंगे. आगे उन्होंने केंद्र सरकार के इस फैसले को दुर्भावनापूर्ण बताया है. बैठक में आगे मुख्यमंत्री KCR ने कहा कि देश में कई धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं जहां इससे हिंदू धर्म को मानने वाले लोग भी भ्रमित हैं. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि देश के सांस्कृतिक परंपराओं पर केंद्र के इस निर्णय से कुठाराघात हो गया है.
दरअसल सोमवार को मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने आईएमआईएम पार्टी के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी, विधायक अकबरुद्दीन, मंत्री महमूद अली, केटीआर और अन्य नेताओं के साथ केन्द्र सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता लागू करने संबंधी विधेयक के विषय पर बैठक की. इस दौरान सीएम केसीआर ने कहा कि केंद्र सरकार UCC को लागू करना चाहती है ये दुर्भावनापूर्ण है. पिछले नौ सालों से भाजपा सरकार ने देश की जनता के विकास और जन कल्याण की उपेक्षा की है. देश में कई समस्याएं हैं जिन्हें नज़रअंदाज़ किया गया है और जिनका समाधान होना जरूरी है. लोगों को भड़काने, अनावश्यक झगड़े पैदा करने और विभाजनकारी राजनीति लागू करने की योजना से UCC लाया जा रहा है, हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे.
बैठक के दौरान ओवैसी ने भी मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. ओवैसी ने कहा कि हमने सीएम और बीआरएस अध्यक्ष को याद दिलाते हुए कहा है कि जब CAA के खिलाफ प्रस्ताव पारित हुआ था तो BRS सबसे पहले इसका विरोध करने वालों में थी. बीआरएस ने कहा था कि यह देश की धर्मनिरपेक्षता और बहुलवाद के खिलाफ है. भाजपा भारत की समृद्धि और विविधता को कमजोर करना चाहती है.