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Telangana: तेलंगाना में तेज आंधी की वजह से एक झटके में गिरा आठ साल से बन रहा पुल

हैदराबाद: सोमवार 22 अप्रैल की रात तेलंगाना (Telangana) के पेद्दापेल्ली जिले में पिछले आठ साल से निर्माणाधीन पुल उस समय ढह गया, वहां पर जब अचानक तेज हवाएं चलनी लगीं. हालांकि, इस हादसे में जानी नुकसान नहीं हुआ है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये हादसा सोमवार की रात करीब 9:45 बजे के बीच हुआ. […]

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Telangana: तेलंगाना में तेज आंधी की वजह से एक झटके में गिरा आठ साल से बन रहा पुल
  • April 23, 2024 9:19 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 months ago

हैदराबाद: सोमवार 22 अप्रैल की रात तेलंगाना (Telangana) के पेद्दापेल्ली जिले में पिछले आठ साल से निर्माणाधीन पुल उस समय ढह गया, वहां पर जब अचानक तेज हवाएं चलनी लगीं. हालांकि, इस हादसे में जानी नुकसान नहीं हुआ है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये हादसा सोमवार की रात करीब 9:45 बजे के बीच हुआ. तेज हवा चलने की वजह से निर्माणाधीन पुल के दो गर्डर अचानक भरभराकर गिर गए. जबकि स्थानीय लोगों का कहना है बाकी बचे तीन गर्डर भी गिर सकते हैं.

वहां से गुजर रही बस हादसे से बची

जानकारी के मुताबिक, इस हादसे वाले दिन एक बस पुल के पास से गुजर रही थी. बस में करीब 65 लोग सवार थे, जो एक शादी में शामिल होने के लिए जा रहे थे.जब बस पुल के पास से गुजर रही थी, उस समय निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा भरभराकर गिर गया. जिसके कारण एक होते-होते रह गया.

8 साल में तैयार हुआ था पुल

आपको बता दें कि तेलंगाना (Telangana) के मनैर नदी पर बन रहे लगभग एक किलोमीटर लंबे पुल का उद्घाटन 2016 में वहां के तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष एस. मधुसूदन चारी और स्थानीय विधायक पुट्टा मधु ने किया था. इस पुल के निर्माण के लिए सरकार ने लगभग 49 करोड़ रुपये को मंजूर किया था. पुल का निर्माण कार्य एक साल में पूरा होना हो जाना था.
इस पुल के बन जाने के बाद परकल व भूपालपल्ली और जमींकुंटा कस्बों के बीच की दूरी घटकर 50 किलो मीटर कम हो जाती.

बंद पड़ा था पुल का निर्माण

तेलंगाना (Telangana) के पेद्दापल्ली जिले के भूपालपल्ली कस्बे के स्थानीय लोगों ने बताया कि इस पुल के ठेकेदार ने पुल के निर्माण शुरु होने के 2 साल के बाद ही काम बंद कर दिया था. क्योंकि सरकार ठेकेदार का बकाया भुगतान नहीं कर रही थी. इसी पुल के ठेकेदार ने वेमुलावाड़ा में एक पुल का निर्माण किया था, जो 2021 में भारी बारिश की वजह से बह गया था. एक स्थानीय निवासी ने मीडिया को बताया कि परियोजना की लागत बढ़ा दी गई और पिछले साल 60 फीसदी काम पूरा हुए बिना ही अनुमानित लागत में 11 करोड़ रुपये और जोड़ दिए गए थे.

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