मुंबई: ये पूरा मामला मुंबई से सामने आ रहा है जहां एक छात्रा को छेड़ने के आरोप में एक व्यक्ति को एक साल की जेल की सजा सुनाई गई है. दरअसल मामला 8 साल पुराना है जहां ट्यूशन क्लास जा रही 15 वर्षीय छात्रा का एक व्यक्ति ने पहले तो पीछा किया और इसके बाद […]
मुंबई: ये पूरा मामला मुंबई से सामने आ रहा है जहां एक छात्रा को छेड़ने के आरोप में एक व्यक्ति को एक साल की जेल की सजा सुनाई गई है. दरअसल मामला 8 साल पुराना है जहां ट्यूशन क्लास जा रही 15 वर्षीय छात्रा का एक व्यक्ति ने पहले तो पीछा किया और इसके बाद नाबालिग के साथ छेड़छाड़ भी की. 32 वर्षीय व्यक्ति पर आरोप है कि उसने छात्रा को “आजा आजा” कहके छेड़ा.
मुंबई की डिंडोशी सेशन कोर्ट ये सजा सुनाई है. 8 साल पहले नाबालिग लड़की की माँ ने इस संबंध में FIR दर्ज़ करवाई थी. शिकायत के अनुसार नाबालिग छात्रा पहले स्कूल जाती थी और स्कूल की छुट्टी होने के बाद ट्यूशन जाया करती थी. 1 सितंबर 2015 की दोपहर करीब 1.50 बजे जब वह अपनी साइकिल से ट्यूशन क्लास के लिए जा रही थी तो आरोपी ने उसके साथ छेड़छाड़ की. इस दौरान आरोपी ने कहा, “आजा, आजा”. उसके इस रवैये से नाबालिग घबरा गई और उसने आसपास खड़े लोगों से मदद मांगी. आस-पास भीड़ जमा होने से आरोपी भाग गया.
आगे शिकायत में कहा गया था कि 3 सितंबर 2015 को भी आरोपी ने ऐसा ही किया था. अगले दिन वह छात्रा की बिल्डिंग तक आ गया था. इसके बाद वह व्यक्ति नाबालिग पर नजर रखने लगा. इसके बाद छात्रा ने अपने माता-पिता को इसके बारे में बताया. उन्होंने आरोपी की तलाश शुरू की जहां 6 सितंबर को नाबालिग ने आरोपी की पहचान कर ली. कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी व्यक्ति ने खुद को निर्दोष बताया. उसने खुद पर लगे सभी आरोपों से इनकार कर दिया.
जबकि मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस ए. जेड. खान ने कहा कि ‘मेरा विचार है कि अभियोजन पक्ष ने साबित किया है कि आरोपी ने नाबालिग छात्रा का पीछा किया और बार-बार ‘आजा, आजा’ कहकर संबोधित किया.’ कोर्ट ने इस मामले को यौन उत्पीड़न के अंतर्गत मानते हुए कहा कि आरोपी द्वारा किया गया अपराध न तो दबाव में है और न ही लड़की की ओर से उकसावे पर किया है. आरोपी किसी भी तरह नरम रुख का हकदार नहीं है. एडवोकेट की ओर से पत्नी और तीन साल की बेटी की भी दलील दी गई थी लेकिन उसकी सजा कम नहीं की गई.
कोर्ट ने कहा कि यौन उत्पीड़न के दायरे में आता है. अदालत ने कहा कि, आरोपी ने नाबालिग के साथ ऐसा अपराध किया है, जिसके लिए आरोपी नरम रुख का हकदार नहीं है. जिसे देखते हुए उसकी सजा कम की जाए. लेकिन कोर्ट ने सजा कम करने से इनकार कर दिया.
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