चेन्नई: राज्यपाल आरएन रवि ने गुरुवार की शाम भ्रष्टाचार का आरोप झेल रहे मंत्री वी सेंथिल बालाजी को आदेश जारी कर काउंसिल ऑफ मिनिस्टर से बर्खास्त कर दिया था. लेकिन कुछ ही देर बाद इस आदेश को वापस ले लिया गया जिसके बाद देर रात खबर आई की राज्यपाल ने एक पत्र जारी किया है […]
चेन्नई: राज्यपाल आरएन रवि ने गुरुवार की शाम भ्रष्टाचार का आरोप झेल रहे मंत्री वी सेंथिल बालाजी को आदेश जारी कर काउंसिल ऑफ मिनिस्टर से बर्खास्त कर दिया था. लेकिन कुछ ही देर बाद इस आदेश को वापस ले लिया गया जिसके बाद देर रात खबर आई की राज्यपाल ने एक पत्र जारी किया है इसमें लिखा है कि फिलहाल सेंथिल बालाजी अपने मंत्री पद पर बने रहेंगे. इसी बीच राज्यपाल के इस फैसले को आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने असंवैधानिक बताया.
As per our Constitution,it is under the exclusive domain of Chief Minister to
1.Appoint ministers
2.Reshuffle portfolios
3.Remove a ministerGovernor has to merely publish recommendations of CM
Dismissal of V. Senthil Balaji by Tamil Nadu Governor is outrightly unconstitutional
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) June 29, 2023
दरअसल जेल में बंद तमिलनाडु सरकार के बिजली और आबकारी मंत्री वी सेंथिल बालाजी को राज्यपाल आरएन रवि ने बर्खास्त करने के निर्देश दिए थे. लेकिन कुछ ही समय बाद इसे वापस ले लिया गया. राघव चड्डा ट्वीट कर तमिलनाडु के राज्यपाल के इस फैसले को असंवैधानिक करार दिया है. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्डा ने ट्वीट कर कहा, हमारे संविधान के अनुसार, यह(किसी मंत्री को बर्खास्त करना) मुख्यमंत्री के विशेष अधिकार क्षेत्र में है. इसके अलावा उन्होंने राज्य सरकार के मंत्रालय को लेकर मुख्यमंत्री के अधिकारों का ज़िक्र किया है.
उन्होंने लिखा मंत्रियों की नियुक्ति करना , विभागों में फेरबदल करना और मंत्री को हटाना मुख्यमंत्री के विशेष अधिकार क्षेत्र में आता है. राज्यपाल केवल मुख्यमंत्री की सिफारिशों को प्रकाशित करता है. वह आगे लिखते हैं कि ऐसे में तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा वी. सेंथिल बालाजी को बर्खास्त करना पूरी तरह से असंवैधानिक है.
हालांकि अब राज्यपाल द्वारा इस आदेश को वापस ले लिया गया है जहां बालाजी को मंत्री पद से बर्खास्त करने वाले नोटिस के बाद एक और नोटिस जारी किया है. गौरतलब है कि सेंथिल बालाजी पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर जॉब के बदले पैसे वसूलने का आरोप है. बुधवार को इन्हीं आरोपों की वजह से उनकी ज्यूडिशियल कस्टडी बढ़ाकर 12 जुलाई तक के लिए कर दी गई है. इस बीच गुरुवार की शाम राज्यपाल द्वारा एक आदेश पत्र जारी कर सेंथिल बालाजी को पद से बर्खास्त करने की बात कही गई थी. लेकिन इसके कुछ ही देर बाद दूसरा लेटर जारी किया गया जिसमें कहा गया कि वह एटॉर्नी जनरल से कानूनी मशविरा ले रहे हैं जिसपर अभी भी एटॉर्नी जनरल का कोई जवाब नहीं आया है. तब तक के लिए बालाजी अपने मंत्री पद पर बने रह सकते हैं.