मंगलवार को डीएमके चीफ और तमिलनाडु के पूर्व सीएम एम करुणानिधि का निधन हो गया था, जिसके बाद पूरे राज्य में शोक की लहर फैल गई. उनके समर्थक लाखों की तादाद में अस्पताल के बाहर जमा हो गए. डीएमके उनके पार्थिव शरीर को मरीना बीच पर दफनाने की मांग कर रही थी, जिसे राज्य सरकार ने खारिज कर दिया. इसके बाद डीएमके ने मद्रास हाई कोर्ट का रुख किया.
चेन्नई. डीएमके चीफ एम करुणानिधि के पार्थिव शरीर को मरीना बीच पर दफनाने के मद्रास हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ तमिलनाडु सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं करेगी. एडवोकेट जनरल विजय नारायण ने बुधवार को इंडिया न्यूज/न्यूज एक्स से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील नहीं करेगी. राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में इसलिए विरोध किया क्योंकि हाईकोर्ट में मरीना बीच पर जयललिता की समाधि को लेकर कई याचिकाएं दाखिल थीं. अब हाईकोर्ट के फैसले और उन याचिकाओं के वापस होने पर ये फैसला लिया गया है.
इससे पहले मद्रास हाई कोर्ट ने द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) दिवंगत नेता व तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के पार्थिव शरीर को मरीना बीच पर दफनाए जाने की अनुमति दे दी. राज्य सरकार ने करुणानिधि के पार्थिव शरीर को मरीना बीच पर दफनाने की अनुमति नहीं दी थी, जिसके बाद द्रमुक ने मंगलवार देर रात अदालत का रुख किया था और आखिरकार अदालत ने द्रमुक के पक्ष में फैसला सुनाया.
एक्टिंग चीफ जस्टिस हुलुवडी जी. रमेश और जस्टिस एस.एस. सुंदर ने द्रमुक और राज्य सरकार के वकीलों की दलील सुनने के बाद यह आदेश दिया. द्रमुक नेता व वकील कन्नदासन ने पत्रकारों से कहा कि अदालत ने राज्य सरकार से करुणानिधि के अंतिम संस्कार की व्यवस्था करने के लिए कहा है.
दिवंगत नेता के पार्थिव शरीर को राजाजी हॉल में रखा गया है, जहां बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और नेता उनके अंतिम दर्शन के लिए मौजूद हैं. करुणानिधि के बेटे व द्रमुक के कार्यवाहक अध्यक्ष एम.के. स्टालिन पिता के देहांत से भावुक नजर आए और रो पड़े. उन्हें पार्टी के शीर्ष नेताओं दुरईमुरुगन, ए. राजा और एम. कनिमोझी ने ढांढस बंधाया. अदालत ने राज्य सरकार के वकील से करुणानिधि को दफन करने के लिए मरीना बीच पर जमीन नहीं दिए जाने की वजह स्पष्ट करने के लिए कहा.
द्रमुक के वकील ने अपनी दलील में कहा कि सरकार मामूली कारणों से पार्टी के अनुरोध को खारिज कर रही है. द्रमुक ने कहा कि करुणानिधि पार्टी के संस्थापक अन्नादुरई के सच्चे अनुयायी थे. चूंकि, ऑल इंडिया द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के संस्थापक एम.जी. रामचंद्रन भी अन्नादुरई के अनुयायी थे, उन्हें भी उनके स्मारक के पास दफनाया गया.
द्रमुक के मुताबिक, दिवंगत नेताओं राजगोपालाचारी और कामराज की विचारधाराएं द्रविड़ नेताओं अन्नादुराई और करुणानिधि द्वारा अपनाई गई विचारधाराओं से एकदम अलग थीं. इसलिए राज्य सरकार द्वारा दी गई जगह पर करुणानिधि को दफनाना उचित नहीं होगा. द्रमुक ने यह भी तर्क दिया कि चेन्नई निगम ने अन्नादुराई स्मारक बीच की समाधि स्थल के रूप में घोषणा की है.
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#Watch: Scuffle between breaks out between Police & crowd gathered at #RajajiHall, police resort to lathi charge. #Karunandhi pic.twitter.com/jBjKdfrNzK
— ANI (@ANI) August 8, 2018