“मुझे घर ले चलिए-मेरे पास 2 घंटे ही हैं…”युवक ने मरने से पहले कही पिता से ये बात, फिर मौत को लगाया गले

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के उज्जैन से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां पर एक युवक को कुछ समय पहले आवरा कुत्तों ने काट लिया था। जिसके बाद युवक का इलाज अस्पलात में चला परंतु हालत ज्यादा खराब होने की वजह से युवक की दर्दनाक मौत हो गई। युवक की मौत […]

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“मुझे घर ले चलिए-मेरे पास 2 घंटे ही हैं…”युवक ने मरने से पहले कही पिता से ये बात, फिर मौत को लगाया गले

Shweta Rajput

  • September 16, 2024 7:34 am Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के उज्जैन से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां पर एक युवक को कुछ समय पहले आवरा कुत्तों ने काट लिया था। जिसके बाद युवक का इलाज अस्पलात में चला परंतु हालत ज्यादा खराब होने की वजह से युवक की दर्दनाक मौत हो गई। युवक की मौत के बाद उसके परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।

कुत्ते ने काटा था

जानकारी के अनुसार युवक की पहचान सोनू शर्मा के नाम से हुई है। गणेश नगर नागझिरी विक्रम उद्योगपुरी में सोनू शर्मा गत्ते बनाने की फैक्ट्री में काम करता था। दो छोटे भाइयों सहित माता-पिता की सारी जिम्मेदारी भी उसी पर थी। बताया जा रहा है कि युवक को फैक्ट्री जाते समय 20 दिन पहले आवारा कुत्ते ने काटा था। इसके बाद युवक की तबीयत खराब रहने लगी। युवक का इलाज उज्जैन के अलावा इंदौर के अस्पताल में भी चला परंतु इसके बाद भी वह ठीक नहीं हुआ। डॉक्टरों ने उसे घर ले जाने तक का कह दिया। मृतक घर में इकलौता कमाने वाला था। कुत्ते के काटने से उसकी बीमारी बढ़ती गई और उसकी मौत हो गई।

युवक ने पिता से क्या कहा

जानकारी के मुताबिक युवक ने पिता से खुद इस बात को कहा कि उसका बच पाना अब मुश्किल है। उसके पास केवल 2 घंटे ही बचे हैं। इसके बाद उसके पिता ने अपने बेटे की बात मानकर जैसे ही उसे घर के सामने ऑटो से उतारने की कोशिश की तब तक वह मौत को गले लगा चुका था। बताया जा रहा है कि परिजन सोनू को कुत्ते के काटने के बाद जिला अस्पताल ले गए थे। जहां पर उसका इलाज चल रहा था। डॉक्टर ने उसे दो इंजेक्शन लगाए थे। कुछ समय तक उसकी हालत ठीक रही परंतु एक सप्ताह बाद सोनू फिर बीमार रहने लगा और उसे बुखार आ गया। इतना ही नहीं उसके मुंह से लार भी गिरने लगी।

दूसरे अस्पताल में किया भर्ती

बेटे की हालत खराब देखकर परिजन उसको फिर अस्पताल ले गए। युवक को देखकर डॉक्टर ने रैबीज से संक्रमित होने की बात कही। इसके बाद डॉक्टर ने युवक के अन्य अस्पताल में इलाज कराने की बात कही। मृतक के परिजन उसको इलाज के लिए इंदौर के एक अस्पताल में ले गए. लेकिन यहां भी वह ठीक नहीं हुआ। मृतक के पिता का कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिती ठीक नहीं हैं, वह लोगद गरीब हैं। सोनू ही एकमात्र घर चलाने वाला सदस्य था। मैं ऑटो चलाकर थोड़ा बहुत कमा लेता हूं। वह हमारे बुढ़ापे की लाठी था। मृतक सोनू की मौत के बाद परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है। बता दें कि पिछले 8 महीने के रिकार्ड की जांच की जाए तो जिला चिकित्सालय में लगभग 4541 लोग इलाज कराने आए थे, इन लोगों को कुत्तों ने काटा था।

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