T-18 Train Delhi to Varanasi: भारतीय रेलवे की सबसे तेज चलने वाली टी -18 ट्रेन जल्द ही पटरियों पर नजर आएगी. जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.
नई दिल्ली. भारतीय रेलवे के लिए एक नई मिसाइल कायम करने वाली ट्रेन टी-18 जल्द ही पटरियों पर दौड़ती हुई नजर आयेगी. 160 किलोमीटर की रफ्तार से चलने वाली यह ट्रेन भारतीय रेलवे की मौजूदा सबसे तेज चलने वाली ट्रेन शताब्दी एक्प्रेस की जगह हासिल करेगी. रेल मंत्रालय के मुताबिक यह टी-18 ट्रेन दिल्ली से वाराणसी के बीच चलेगी जोकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनावी क्षेत्र है. साथ ही आने वाले 29 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस टी-18 ट्रेन को हरी झंडी दिखायेंगे. हालांकि अभी इस ट्रेन के शिलायंस का स्थान तय नहीं हुआ है. इससे पहले पिछले 30 सालों से शताब्दी एक्प्रेस भारतीय रेलवे की पहली ट्रेन है, जो अब टी-18 ट्रेन के आने वाले 29 दिसंबर को पटरियों पर परीक्षण होने के बाद दूसरे पायदान पर आ जायेगी. टी-18 ट्रेन भारत की पहली ऐसी ट्रेन होगी जिसमें इंजन नहीं होगा.
यह ट्रेन सेल्फ प्रपल्शन मॉड्यूल पर 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकती है. नई तकनीकियों के आधार पर यह ट्रेन सामान्य ट्रेनों से तेज दौड़ सकती है. दूसरी ओर सामान्य ट्रेनों की तरह इस ट्रेन के डिब्बे भी नहीं बदले जाते है. बल्कि इस ट्रेन के सभी कंपोनेंट्स मिलकर एक सेट की तरह चलते हैं. वहीं इस ट्रेन में जो भी मुसाफिर सफर करेगा उसके लिए एक नया अनुभव होगा. हाल ही में राजधानी दिल्ली में इस ट्रेन का एक परीक्षण किया गया. जिस दौरान इस टी-18 ट्रेन की रफ्तार 180 किलोमीटर प्रतिघंटा दर्ज की गई. जिससे यात्रा में लगने वाले अनुमानित समय में 15-20 पर्सेंट कमी आयेगी.
वहीं मेक इन इंडिया अभियान के तहत इस ट्रेन को 100 करोड़ की लागत से बनाया गया है. इस टी-18 ट्रेन को चेन्नई की इंटिग्रल कोच फैक्ट्री ने तैयार किया है और साल 2018 में बनने के कारण इस ट्रेन का नाम टी-18 रखा गया है. इस ट्रेन की पूरी बॉडी एल्यूमिनिम की बनी है जिससे यह बजन में हल्की होगी. इसमें तुरंत ब्रेक भी लगाये जा सकते हैं जबकि इसे तुरंत गति भी दी जा सकती है.
पीयूष गोयल के नेतृत्व वाले भारतीय रेलवे बोर्ड ने आईसीएफ से कहा है कि ऐसी अधिक ट्रेनों के निर्माण में तेजी लायी जाये साथ ही आईसीएफ के प्रबंधक सुधांश मनी ने बताया है कि जल्द ही दो टी-18 ट्रेन और बनेगी जबकि 2019-20 तक ऐसी 8 ट्रेन और बनायी सकती हैं. जिसमें लगने वाली लागत प्रति ट्रेन हिसाब से अब 80 करोड़ होगी.
टी-18 ट्रेन की खासियत-
ट्रेन में कुल 16 कोच होंगे जबकि यह ट्रेन शताब्दी एक्प्रेस से कम समय लेगी.
इस ट्रेन को इंटिग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) ने 18 महीनों में बनाया है.
इस ट्रेन के बीच में दो एक्जिक्यूटिव कंपार्टमंट होंगे जिसमें हर एक में 52 सीट होंगी.
वहीं जनरल कोच में 78 सीट होंगी.
यह ट्रेन 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलेगी.
इस ट्रेन में सीसीटीवी के साथ जीपीएस की सुविधा भी मौजूद होगी.