पटना। बिहार में जातीय गणना के आंकड़े आने के बाद से बवाल मचा है। एक तरफ कुछ पार्टियां आंकड़ों को फर्जी बता रही हैं तो दूसरी ओर राज्य सरकार इन आरोपों को खारिज कर रही है। इसी बीच सोमवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। […]
पटना। बिहार में जातीय गणना के आंकड़े आने के बाद से बवाल मचा है। एक तरफ कुछ पार्टियां आंकड़ों को फर्जी बता रही हैं तो दूसरी ओर राज्य सरकार इन आरोपों को खारिज कर रही है। इसी बीच सोमवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ लालू यादव पर भी साजिश का आरोप लगाया है।
भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को कहा कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के इशारे पर तेली, तमोली, चौरसिया,दांगी सहित आधा दर्जन जातियों को अति पिछड़ा की सूची से बाहर करने की जो साजिश रची जा रही है, उसको हम सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा इसका मुंहतोड़ जवाब देगी। सुशील कुमार मोदी ने
आगे कहा कि वैश्य एवं कुशवाहा समाज को बांटने और इनकी आबादी को कम दिखाने की मंशा जातीय गणना में उजागर हो चुकी है। उन्होंने आगे कहा कि दूसरी ओर आरजेडी के एक विधान परिषद सदस्य वैश्य एवं कुशवाहा जातियों को अति पिछड़ा सूची से बाहर कराने के लिए सम्मेलन और पदयात्रा आयोजित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन अतिपिछड़ी जाति के लोगों ने महागठबंधन को वोट नहीं दिया, उनके खिलाफ तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।
सुशील मोदी ने कहा कि मुसलमानों में मल्लिक, कुल्हिया और शेखड़ा ऊंची जातियां हैं, लेकिन अतिपिछड़ा वर्ग में शामिल करके इन्हें आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मुसलमानों में जिन्हें शेरशाहबादी जाति का बताया गया है, वह बांग्लादेशी हैं और बांग्ला बोलते हैं। उन्होंने आगे कहा कि सुरजापुरी को मुस्लिम जाति दिखाया गया है, जबकि सुरजापुरी एक भाषा है। सुशील मोदी ने कहा कि इन सारी विसंगतियों और त्रुटियों को दूर करने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि ऊंची जातियों के मुसलमानों को अति पिछड़ा सूची से बाहर करना चाहिए और अति पिछड़ों की हकमारी बंद होनी चाहिए।