Surya Kiran planes Crash: बेंगलुरु में 20 फरवरी से एयरो शो आयोजित होना है. लिहाजा दोनों विमान प्रैक्टिस कर रहे थे. जैसे ही सूर्य किरण विमानों ने टेकऑफ किया, दोनों आपस में टकराकर क्रैश हो गए. इस हादसे में दो पायलट्स सुरक्षित निकलने में कामयाब रहे. वहीं तीसरे पायलट की मौत हो गई.
बेंगलुरु. कर्नाटक के बेंगलुरु स्थित येलाहंका एयरबेस पर मंगलवार को दो सूर्य किरण विमान क्रैश हो गए. विमान के दो पायलट्स ने कूदकर अपनी जान बचा ली. लेकिन तीसरे की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि टेकऑफ करते वक्त दोनों आपस में टकरा गए. बुधवार से बेंगलुरू में एयर शो आयोजित होना है, लिहाजा दोनों विमान प्रैक्टिस कर रहे थे. हादसा होते ही आसमान में धुएं का गुब्बार छा गया. आनन-फानन में एयरबेसकर्मी और फायरब्रिग्रेड कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंचे.
फिलहाल आग बुझाने का काम जारी है. बेंगलुरु पुलिस ने बयान में कहा, इस घटना में एक नागरिक घायल हुआ है, जबकि दोनों पायलट्स सुरक्षित बाहर निकल गए. विमानों का मलबा इसरो के पास येलाहंका न्यू टाउन एरिया में गिरा. एयर शो 20 फरवरी से 24 फरवरी के बीच होना है, जिसमें फ्रांस से आए तीन राफेल विमानों का प्रदर्शन भी किया जाएगा. साल 1996 से बेंगलुरु एयर शो आयोजित कर रहा है. पिछला एयरो शो फरवरी 2017 में आयोजित हुआ था. साल 2011 में वायुसेना ने सूर्य किरण विमान का इस्तेमाल बंद कर दिया था. लेकिन साल 2015 में इन्हें दोबारा एयरफोर्स में शामिल कर लिया गया.
देखिए कैसे हुआ हादसा:
#WATCH Two aircraft of Surya Kiran Aerobatics Team crashed today at Yelahanka airbase in Bengaluru, during rehearsal for #AeroIndia2019. One civilian hurt. Both pilots ejected, the debris has fallen near ISRO layout, Yelahanka new town area. #Karnataka pic.twitter.com/gJHWx6OtSm
— ANI (@ANI) February 19, 2019
#WATCH Two aircraft of the Surya Kiran Aerobatics Team crash at the Yelahanka airbase in Bengaluru, during rehearsal for #AeroIndia2019. More details awaited. pic.twitter.com/kX0V5O0n6R
— ANI (@ANI) February 19, 2019
सूर्य किरण विमान 400 से 500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकते हैं. सूर्य किरण विमानों की टीम में सिर्फ 13 पायलट्स होते हैं. इसमें चुने जाने का पैमाना काफी ऊंचा है. लड़ाकू विमान उड़ा पाने में सक्षम पायलटों का ही इसमें चयन किया जाता है. इस टीम में तीन साल के लिए पायलट्स को नियुक्त किया जाता है. हर पायलट के पास कम से कम 2000 घंटों के उड़ान और 1000 घंटे सूर्य किरण विमान उड़ाने का एक्सपीरियंस होना जरूरी है.