Supreme court on Delhi Pollution : प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद दिल्ली में वर्क फॉम होम, स्कूल कॉलेज बंद और फैक्ट्रियों में ताला

नई दिल्ली. Supreme court on Delhi Pollution :-दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण को लेकर केंद्र के साथ ही संबंधित राज्यों के रुख पर नाराजगी जताई। शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रदूषण को कंट्रोल करने को लेकर सिर्फ बैठक हो रही है, ठोस उपाय […]

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Supreme court on Delhi Pollution : प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद दिल्ली में वर्क फॉम होम, स्कूल कॉलेज बंद और फैक्ट्रियों में ताला

Aanchal Pandey

  • November 17, 2021 1:18 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली. Supreme court on Delhi Pollution :-दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण को लेकर केंद्र के साथ ही संबंधित राज्यों के रुख पर नाराजगी जताई। शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रदूषण को कंट्रोल करने को लेकर सिर्फ बैठक हो रही है, ठोस उपाय नहीं हो रहे हैं। कोर्ट में आज केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से हलफनामा दिया गया। शीर्ष अदालत ने इस मामले में सुनवाई को 24 तारीख के लिए टाल दिया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब सरकार की तरफ से अपनी-अपनी बात रखी गई। जानते हैं इस मामले पर विभिन्न पक्षों ने क्या-क्या कहा।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

दिल्ली में प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों व केंद्र के रुख पर नाराजगी व्यक्त की है। शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रदूषण को कंट्रोल करने को लेकर सिर्फ बैठक हो रही है, ठोस उपाय नहीं हो रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण कैसे कम हो इस पर ठोस उपाय किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि लोगों को सार्वजनिक वाहनों का विकल्प उपलब्ध कराएं।

कुछ दिन के लिए प्राइवेट गाड़ियों पर रोक क्यों ना लगा दी जाए। अदालत ने आगे कहा कि किसानों को पराली को लेकर समझाएं। पराली के नुकसान को कम करके ना आंकें। शीर्ष अदालत ने कहा कि किसानों को दंडित ना किया जाए। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि कुछ जिम्मेदारी होनी चाहिए, न्यायिक आदेश से सब कुछ नहीं किया जा सकता है।

10 दिनों में दिल्ली में पटाखे जलाने का कारण पूछा

चीफ जस्टिस ने दिवाली के बाद पिछले 10 दिनों में दिल्ली में पटाखे जलाने का कारण पूछा। उन्होंने कहा कि बैन के बाद भी पटाखें क्यों जले? कोर्ट ने आगे कहा कि पटाखों का प्रदूषण में योगदान नहीं इस बात को नहीं मान सकते।

सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहने पर अनिच्छा जताई है। केंद्र ने कहा कि उसने अपने कर्मचारियों को आने-जाने के लिए कारपूलिंग की सलाह दी है। इससे उनकी तरफ से उपयोग किए जाने वाले वाहनों की संख्या में कमी आएगी। सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आयोग ने सभी एनसीआर के राज्यों को सभी स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों को अगले आदेश तक बंद करने का आदेश दिया है।

इस दौरान ऑनलाइन मोड के माध्यम से कक्षाएं आयोजित करने का निर्देश दिया। सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इमरजेंसी मीटिंग में मौसम वैज्ञानिक भी थे। उन्होंने कहा कि मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 21 नवंबर के बाद हवा का प्रवाह होगा। उन्होंने कहा कि क्या यह अदालत कठोर उपायों को लागू करने से पहले 21 नवंबर तक प्रतीक्षा करने पर विचार नहीं करेगी।

दिल्ली सरकार ने उठाये कदम
सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद दिल्ली में 21 नवंबर तक निर्माण कार्य बंद कर दिये गये  हैं. सरकारी विभाग में 100% वर्क फ्रॉम होम लागू कर दिया गया है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के मुताबिक  जरूरी सेवाओं के अलावा अन्य ट्रकों की एंट्री बैन कर दी गई है.  1000 प्राइवेट सीएनजी बसों को कल से किराये पर लिया गया है. बिना गैस से चलने वाले सभी उद्योग पर बैन रहेगा, केवल गैस से चलने वाली इंडस्ट्री को अनुमति है. DDMA से मेट्रो और बसों में चलने की अनुमित मांगी गई है. वाहन प्रदूषण सर्टिफिकेट की कड़ी जांच होगी और राजधानी में 10 साल पुरानी डीजल व 15 साल पुरानी गाड़ियों की सूची दिल्ली पुलिस को सौंपी गई ताकि कार्रवाई की जा सके और स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सके.

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