नई दिल्लीः दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सर्वोच्च न्यायालय ने (CAQM) और पंजाब सरकार दोनों को फटकार लगाई है। कोर्ट ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता की निगरानी करने वाले केंद्र सरकार के पैनल कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) के फ्लाइंग स्क्वॉड को फटकार लगाई है। […]
नई दिल्लीः दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सर्वोच्च न्यायालय ने (CAQM) और पंजाब सरकार दोनों को फटकार लगाई है। कोर्ट ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता की निगरानी करने वाले केंद्र सरकार के पैनल कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) के फ्लाइंग स्क्वॉड को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “CAQM ने 29 अगस्त को मीटिंग की। इसमें पराली जलाने पर कोई चर्चा नहीं हुई। 3 साल पहले आदेश दिया गया था कि प्रदूषण फैलाने वालों पर मुकदमा चलाया जाए। आप आज तक उनके प्रति नरम हैं। ऐसा क्यों?”
इस पर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि सख्ती इसलिए नहीं की गई क्योंकि प्रदूषण लगातार कम हो रहा है। इसके बाद जज ने पूछा, “आप इतने गंभीर हैं कि साल में 3-4 बार मीटिंग करते हैं। आप सिर्फ लक्ष्य बता रहे हैं, नतीजे नहीं मिल रहे। इस साल पराली जलाने की 129 घटनाएं सामने आईं। आपने एक के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं की।” सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के वकील से पूछा, “इस साल आपके राज्य में 129 घटनाएं सामने आई हैं। आपने कोई कार्रवाई नहीं की। आपकी राजनीतिक मजबूरियां हो सकती हैं, लेकिन कोई कार्रवाई न करना निराशाजनक है। आप यह भी सुनिश्चित नहीं कर पा रहे हैं कि किसान मशीनों का इस्तेमाल करें।”
इसके जवाब में पंजाब के वकील ने कहा, “छोटे किसानों को परेशानी होती है। हमने दिल्ली को पत्र लिखकर उन्हें 1200 करोड़ रुपये की सब्सिडी दिलवाने के लिए कहा है।” इस पर सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा कि दिल्ली को पंजाब के लिए सब्सिडी क्यों देनी चाहिए? इस पर पंजाब के वकील ने कहा, “क्योंकि दिल्ली में प्रदूषण है। अगर केंद्र सरकार मंजूरी दे तो दिल्ली सरकार से पैसे मिल सकते हैं।”
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जमीनी स्तर पर पराली जलाने के वैकल्पिक साधनों का इस्तेमाल सुनिश्चित करने की जरूरत है। कोर्ट ने पैनल को बेहतर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।