दिल्ली में केजरीवाल सरकार या फिर केंद्र सरकार में से किसके पास अधिक प्रशासनिक शक्तियां हैं, इस मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. राजधानी दिल्ली में अधिकारों को लेकर अक्सर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उपराज्यपाल अनिल बैजल के जरिए नरेंद्र मोदी सरकार पर पक्षपात करने का आरोप लगाते रहते हैं. दिल्ली में लॉ एंड ऑर्डर और जमीन केंद्र सरकार के अधीन है. एलजी गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करते हैं.
नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में राज्य सरकार या फिर केंद्र सरकार, किसके पास अधिक प्रशासनिक शक्तियां हैं इस मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अक्सर मोदी सरकार पर राज्य के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाते हैं. दिल्ली में प्रशासनिक अधिकारों के मामले में केजरीवाल सरकार और मोदी सरकार आमने-सामने रहती है. बता दें कि दिल्ली में लॉ एंड ऑर्डर और लैंड केंद्र सरकार के अधीन है. उपराज्यपाल अनिल बैजल गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करते हैं.
इस मामले में केजरीवाल सरकार की ओर से शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की गई थी. केजरीवाल सरकार का आरोप है कि केंद्र सरकार दिल्ली में संवैधानिक रूप से चुनी गई सरकार के अधिकारों का हनन करती है. उपराज्यपाल अनिल बैजल केंद्र सरकार के इशारों पर काम करते हैं. इस वजह से दिल्ली के विकास कार्य प्रभावित होते हैं. आरोप है कि केजरीवाल सरकार की कई अहम योजनाओं को एलजी ने लटका रखा है, जिनमें से डोर-टू-डोर राशन की डिलीवरी की योजना भी शामिल है.
बता दें कि सीएम अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) ने इन दिनों दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए एक अभियान की शुरूआत की है. AAP ने दिल्ली की जनता से 7065049000 नंबर पर मिस कॉल कर इस मुहिम में साथ देने की अपील की है. रविवार को एक जनसभा के दौरान केजरीवाल ने मोदी सरकार और कांग्रेस पर भी जमकर हमला बोला था. उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों का बखान करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा.
इस दौरान केजरीवाल ने मंच से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को मैसेज देते हुए कहा कि अगर वह दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिला सकते तो वह कभी देश के प्रधानमंत्री नहीं बन सकते. केजरीवाल ने दावा किया कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में दिल्ली ही नहीं बल्कि देश की जनता बीजेपी को सबक सिखाएगी.