सुप्रीम कोर्ट सोमवार को निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के चार में से तीन दोषियों की फांसी की सजा के खिलाफ दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका को खारिज करते हुए फांसी की सजा पर मुहर लगा दी है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा, जस्टिस आर. भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने पुनर्विचार याचिका को खारिज किया है.
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्भया गैंगरेप के आरोपी मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है. जिसके बाद इन लोगों की फांसी पर मुहर लग गई है. वहीं दूसरी ओर दोषियों के वकील ने इंडिया न्यूज से कहा कि क्यूरेटिव याचिका दाखिल करेंगे. बता दें कि चौथे दोषी अक्षय सिंह ने अपनी फांसी के खिलाफ कोई याचिका नहीं दाखिल की थी. मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा, जस्टिस आर. भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने पुनर्विचार याचिका पर अपना फैसला सुनाया.
इससे पहले अक्षय के वकील ए.पी. सिंह ने कहा कि वह जल्द ही अक्षय की ओर से फांसी की सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे. शीर्ष अदालत ने मुकेश (29), विनय शर्मा (27) और पवन गुप्ता (22) की पुनर्विचार याचिका पर बहस पूरी होने के बाद बीती 4 मई को अपना फैसला सुरक्षित रखा था. बीते साल 5 मई को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट और निचली अदालत द्वारा चारों दोषियों को सुनाई गई फांसी की सजा को बरकरार रखा था.
वहीं निर्भया केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि मैं इस फैसले का स्वागत करती हूं क्योंकि यह साबित करता है कि न्याय में देरी हो सकती है लेकिन इनकार नहीं किया जा सकता है. यह एक ऐतिहासिक निर्णय है. इस फैसले से पता चलता है कि इस देश में कानून अपना खुद का कोर्स लेता है.
I welcome this decision as it proves justice can be delayed but not denied. It's a landmark decision. This judgement shows that law takes its own course in this country: Rekha Sharma, Chairman of NCW on SC's decision to dismiss review pleas in 2012 Delhi gang-rape case pic.twitter.com/uAoX2gRH3J
— ANI (@ANI) July 9, 2018
वहीं निर्भया के परिवार के वकील रोहन महाजन ने कहा कि ये हमारे लिए एक विजयी क्षण है. रोहन महाजन ने कहा कि कोर्ट के इस फैसले से लोगों का न्यायपालिका पर विश्वास और मजबूत कर दिया है. हम आज संतुष्ट हैं.
It is a victorious moment. Faith in the judiciary has been reinstated. We are satisfied today. The only request to the Central govt is to expedite whatever process is to follow now: Rohan Mahajan, lawyer of the family of 2012 Delhi gang rape victim pic.twitter.com/dEguT4dgUe
— ANI (@ANI) July 9, 2018
निर्भया की मां ने कहा हमारा संघर्ष यहां खत्म नहीं होता है. न्याय में देरी हो रही है. यह समाज की अन्य बेटियों को प्रभावित कर रहा है. मैं न्यायपालिका से न्यायिक व्यवस्था को मजबूत करने का अनुरोध करती हूं, जितनी जल्दी हो सके उन्हें फांसी पर लटकाकर निर्भया को न्याय प्रदान किया जाएं.
Our struggle does not end here. Justice is getting delayed. It's affecting other daughters of the society. I request judiciary to tighten their judicial system, serve justice to Nirbhaya by hanging them as soon as possible & help other girls&women: Asha Devi, mother of 2012 Delhi pic.twitter.com/9BJUGULRQC
— ANI (@ANI) July 9, 2018
वहीं सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद मीडिया से बात करते हुए निर्भया की मां ने कहा कि कोर्ट के इस फैसले पर कोर्ट पर लोगों का विश्वास और बढ़ेगा.
https://twitter.com/ANI/status/1016249054479683585
क्या है मामला?
16 दिसंबर, 2012 की रात 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा निर्भया (बदला हुआ नाम) अपने दोस्त के साथ फिल्म देखकर लौट रही थी. इस दौरान उन दोनों ने घर जाने के लिए बस पकड़ी. 6 लोगों ने चलती बस में उसके साथ गैंगरेप किया. इतना ही नहीं, जानवरों से भी बदतर बन चुके दोषियों ने हैवानियत की सारी सीमाएं लांघ दीं. निर्भया को गंभीर चोट पहुंचाने के बाद उसे नग्न अवस्था में फेंककर दोषी वहां से फरार हो गए.
सिंगापुर के अस्पताल में निर्भया ने दम तोड़ दिया
29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. निर्भया के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए लोग सड़कों पर आ गए. जगह-जगह प्रदर्शन होने लगे. जल्द ही सभी दोषियों को गिरफ्तार कर लिया गया था. राम सिंह नाम के आरोपी ने कथित तैर पर जेल में ही आत्महत्या कर ली थी. नाबालिग आरोपी की तीन साल की सजा पूरी होने के बाद उसे रिहा कर दिया गया था.
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