Advertisement
  • होम
  • राज्य
  • भीमा कोरेगांव हिंसा: नवलखा, सुधा, वरवर राव समेत 5 नजरबंद माओवादी शुभचिंतकों की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई

भीमा कोरेगांव हिंसा: नवलखा, सुधा, वरवर राव समेत 5 नजरबंद माओवादी शुभचिंतकों की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई

Supreme court urban naxals hearing: महाराष्ट्र पुलिस ने बीते 28 अगस्त को वकील सुधा भारद्वाज, वामपंथी विचारक और कवि वरवर राव, मानवाधिकार कार्यकर्ता अरुण फरेरा, गौतम नवलखा और वरनॉन गोंजाल्विस को माओवादियों से सहानुभूति रखने और कथित तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश के शक में गिरफ्तार किया था. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने 29 अगस्त को मामले की सुनवाई करते हुए सभी कार्यकर्ताओं को 6 सितंबर तक घरों में ही नजरबंद रखने का आदेश दिया था. शीर्ष अदालत गुरुवार को पांचों माओवादी शुभचिंतकों की गिरफ्तारी पर सुनवाई करेगा.

Advertisement
Supreme court alleged urban naxals hearing on Thursday
  • September 5, 2018 8:38 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्लीः महाराष्ट्र पुलिस ने 28 अगस्त को माओवादियों से सहानुभूति रखने और कथित तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश के शक में वकील सुधा भारद्वाज, वामपंथी विचारक और कवि वरवर राव, मानवाधिकार कार्यकर्ता अरुण फरेरा, गौतम नवलखा और वरनॉन गोंजाल्विस को गिरफ्तार किया था. इन्हें ‘अर्बन नक्सली’ यानी शहरी नक्सली भी कहा गया. 29 अगस्त को प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने असहमति को लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व बताते हुए सभी कार्यकर्ताओं को 6 सितंबर तक हाउस अरेस्ट रखने का आदेश दिया था. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट पांचों माओवादी शुभचिंतकों की गिरफ्तारी पर सुनवाई करेगा.

बुधवार को सभी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के कथित नक्सल लिंक के मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया. पुलिस ने शीर्ष अदालत को बताया कि उन्होंने इन कार्यकर्ताओं को सरकार से असहमति जताने के लिए नहीं बल्कि प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) के सदस्य होने के सबूत मिलने के बाद गिरफ्तार किया था. इस दौरान पुलिस ने कोर्ट के समक्ष सील बंद लिफाफे में सबूत पेश किए और एक बार फिर उनकी पुलिस कस्टडी की मांग की. पुलिस ने आशंका जताते हुए कहा कि हाउस अरेस्ट के दौरान आरोपी सबूत नष्ट कर सकते हैं.

बताते चलें कि महाराष्ट्र पुलिस ने गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, अरुण फरेरा, वरवर राव और वरनॉन गोंजाल्विस के खिलाफ अनलॉफुल ऐक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के एक दिन बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जेल नहीं भेजने का निर्देश देते हुए कहा था कि पांचों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने के बजाय 6 सितंबर तक उनके घर में नजरबंद रखा जाए. इस मामले में महाराष्‍ट्र पुलिस के एडीजी परमबीर सिंह ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. जिसके बाद पीबी सिंह और पीसी में शामिल दूसरे अधिकारियों के खिलाफ बॉम्‍बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई. याचिका में आरोप लगाया गया कि कोर्ट के आदेश की अवमानना करते हुए यह पुलिस अधिकारियों ने यह प्रेस कॉन्‍फ्रेंस की थी. 7 सितंबर को याचिका पर सुनवाई की जाएगी.

भीमा कोरेगांव: सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र पुलिस का दावा- असहमति नहीं, ठोस सबूतों के कारण सामाजिक कार्यकर्ताओं को किया अरेस्ट

 

Tags

Advertisement