नई दिल्ली. दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जल्द सुनवाई करने से इनकार कर दिया. दिल्ली सरकार ने शीर्ष अदालत से गुहार लगाते हुए अपनी याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका ठुकराते हुए कहा कि मामला लिस्ट के अनुसार ही आएगा. दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग समेत अन्य मसलों को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है.
इससे पहले आप सरकार ने बुधवार (18 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि दिल्ली सरकार शक्तिहीन है क्योंकि वह नौकरशाहों की तैनाती या तबादला नहीं कर पा रही है। दिल्ली सरकार के तरफ से पेश वकील व वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने जस्टिस ए.के. सीकरी व जस्टिस नवीन सिन्हा की बेंच से कहा कि यह एक जरूरी मुद्दा था और जल्द सुनवाई होनी चाहिए.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस ए.एम. खानविलकर व डी.वाई.चंद्रचूड़ की तीन न्यायाधीशों वाली संवैधानिक बेंच ने 4 जुलाई को फैसला सुनाया था कि उप राज्यपाल मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह पर कार्य करने के लिए बाध्य हैं. बेंच ने यह भी फैसला दिया कि उपराज्यपाल के पास केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर कानून व्यवस्था, पुलिस और जमीन को छोड़कर किसी और मामले में कोई भी स्वतंत्र शक्ति नहीं है.
दिल्ली सरकार के पास अन्य मुद्दों पर कानून बनाने और शासन करने की शक्तियां हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार ने अधिकारियों की तैनाती व तबादले की सिफारिश वाली फाइलें बैजल को भेजीं. लेकिन, उपराज्यपाल ने यह कहते हुए इसे रोक दिया कि सेवा विभाग से जुड़े मुद्दे पर अभी अदालत ने फैसला नहीं लिया है.
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