आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ फ्लैट खरीदारों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा कि फ्लैट खरीदारों का पैसा सिर्फ फ्लैट खरीदारों का है इसे कोई नहीं ले सकता. सुप्रीम कोर्ट ने बैंक ऑफ बड़ौदा से कहा कि आपने पैसा बिल्डर को दिया है न कि फ्लैट खरीदारों को, लिहाजा आप बिल्डर की संपत्ति को ले सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर बिल्डर, बायर्स, नोएडा अथॉरिटी और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को मीटिंग करने को कहा. मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को की जाएगी.
नई दिल्लीः आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ फ्लैट खरीदारों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई की गई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि फ्लैट खरीदारों का पैसा सिर्फ फ्लैट खरीदारों का है इसे कोई नहीं ले सकता. सुप्रीम कोर्ट ने बैंक ऑफ बड़ौदा को कहा कि आपने पैसा बिल्डर को दिया है न कि फ्लैट खरीदारों को. आप फ्लैट खरीदारों के पैसे नहीं ले सकते. हालांकि कोर्ट ने बैंक को यह साफ किया कि आप बिल्डर की संपत्ति को जरूर ले सकते हैं.
सुनवाई के दौरान बैंक ऑफ बड़ौदा की तरफ से इंसोल्वेंसी प्रक्रिया का मुद्दा उठाया गया था. बैंक की ओर से कहा गया कि हमारे पैसे भी बिल्डर ने लिए हैं, उसको लेकर दायर अर्जी पर भी सुनवाई की जाए. सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर बिल्डर, बायर्स, नोएडा अथॉरिटी और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को मीटिंग करने को कहा. मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को की जाएगी.
गौरतलब है कि आम्रपाली ग्रुप और फ्लैट खरीदारों के बीच 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के परामर्श कक्ष में मीटिंग हुई थी. रियल स्टेट ग्रुप आम्रपाली से जुड़े मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 15 मार्च को कहा था कि फ्लैट खरीदारों और ग्रुप के बीच बैठक बुलाई जाए, जिससे मामला हल किया जा सके. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप से 47 आवासीय टावरों का ब्योरा भी मांगा था. साथ ही कोर्ट ने फ्लैट खरीदारों से ली गई रकम और इन्वेस्ट की गई रकम का भी ब्योरा मांगा था.
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