Supreme Court on Jammu Kashmir Restrictions: नरेंद्र मोदी सरकार के आर्टिकल 370 हटाने के फैसले के बाद जम्मू कश्मीर में लगी पाबंदियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.
नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी सरकार के धारा 370 हटाने के बाद जम्मू कश्मीर में सुरक्षा के मद्देनजर लगाई गई पाबंदियों के खिलाफ दर्ज याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. ये याचिकाएं कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, अनुराधा भसीन समेत कई अन्य लोगों ने दाखिल की हैं. इन याचिकाओं की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में अपनी दलीलें पेश की.
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कोर्ट में बहस के दौरान उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली में पुलिस एफआईआर ही दर्ज न करे और कहे कि यहां अपराध नहीं है. लोग अपनी कार को सड़क पर न लाएं और आप कहें कि ट्रैफिक का उलंघन नहीं हुआ. ठीक उसी तरह नरेंद्र मोदी की बीजेपी सरकार कह रही है कश्मीर में सब सामान्य है लेकिन ऐसा कुछ नहीं है.
कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में आगे कहा कि केंद्र सरकार कह रही है कि घाटी में स्कूल खोला हुआ है लेकिन सवाल है कि ऐसे हालात के बीच क्या अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजेंगे. कपिल सिब्बल ने कहा कि धारा 370 हटाने के काफी दिनों बाद भी कश्मीर में कारोबार, स्कूल, किसान और टूरिज्म काफी ज्यादा प्रभावित हैं.
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि इस हालात में सुप्रीम कोर्ट को राष्ट्रीय सुरक्षा और जीवन जीने के अधिकार में बैलेंस करना चाहिए. कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार गलत कह रही है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में सुप्रीम कोर्ट दखल नहीं दे सकता. लेकिन ऐसा नहीं है राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में भी कोर्ट पूरी तरह दखल दे सकता है.