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सुप्रीम कोर्ट ने लगाया मध्य प्रदेश सरकार पर 10 लाख का जुर्माना, जानें क्या है मामला

भोपाल: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार पर हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करने और अनुबंध के आधार पर चयनित ‘संविदा शिक्षक’ को वैध नियुक्ति से इनकार करने मामले में दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को शिक्षक को राहत देने से इनकार करने के लिए जानबूझकर जिम्मेदार दोषी […]

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Supreme Court
  • June 15, 2024 2:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 months ago

भोपाल: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार पर हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करने और अनुबंध के आधार पर चयनित ‘संविदा शिक्षक’ को वैध नियुक्ति से इनकार करने मामले में दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को शिक्षक को राहत देने से इनकार करने के लिए जानबूझकर जिम्मेदार दोषी अधिकारियों से इस राशि को वसूलने का निर्देश दिया है. सुनवाई के दौरान जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस बीआर गवई की खंडपीठ ने कहा कि यह मनाने के बाद भी अपीलकर्ता की नियुक्ति गलत तरीके से रोक दी गई थी और किसी प्रकार की कोई राहत नहीं दी गई. ये उसके द्वारा दिए गए आदेश का उल्लंघन है.

राज्य सरकार को लगाईं फटकार

इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की कार्रवाई को हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेशों को किसी तरह से दरकिनार करने की कोशिश बताया है, जिसे अपीलकर्ता और उसके साथियों को नियुक्ति से पूरी तरह से वंचित किया जा सके.

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान माना हैं कि राज्य सरकार, उसके अधिकारियों की मनमानी और अत्याचारपूर्ण कार्रवाई की वजह से अपीलकर्ता को परेशानी का सामना करना पड़ा है. इस स्थिति में अपीलकर्ता मुआवजे की हकदार है. कोर्ट ने राज्य सरकार को कहा हैं कि अपीलार्थी को तत्काल संविदा शाला शिक्षक ग्रेड-III या समकक्ष पद पर 60 दिन के भीतर नियुक्ति दी जाए. राज्य सरकार अपीलकर्ता को 10 लाख का जुर्माना देगी. 60 दिन में सरकार को ये देना होगा.

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