नई दिल्ली : RSS (राष्ट्रीय सेवक संघ) तमिलनाडु में पथ संचालन मार्च निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने इजाजत दे दी है. राज्य सरकार ने आरएसएस के पथ संचालन का विरोध किया था. स्टालिन सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी कि पथ संचालन को रोका जाए पर मद्रास हाईकोर्ट ने पथ संचालन का […]
नई दिल्ली : RSS (राष्ट्रीय सेवक संघ) तमिलनाडु में पथ संचालन मार्च निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने इजाजत दे दी है. राज्य सरकार ने आरएसएस के पथ संचालन का विरोध किया था. स्टालिन सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी कि पथ संचालन को रोका जाए पर मद्रास हाईकोर्ट ने पथ संचालन का आदेश दे दिया था उसके बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा.
राज्य सरकरा पथ संचलान की इजाजत कुछ जगहों पर दे रही थी जिसका विरोध आरएसएस कर रही थी. राज्य सरकार का कहना है कि 6 जिले ऐसे है जो PFI ( इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ) के असर वाले है. राज्य सरकार ने कहा कि वहां पर मार्च निकालना खतरा हो सकता है. आरएसएस ने इसका विरोध किया था और कहा था कि यह मौलिक अधिकार का हनन है.
राज्य सरकार की दलील को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दी. होईकोर्ट ने कहा कि आरएसएस जहां भी पथ संचालन करेगी उसके लिए वे स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना पहले से दे.
राज्य में डीएमके की सरकार है और सीएम एमके स्टालिन है. बीते दिनों उन्होंने अपने जन्मदिन पर कांग्रेस अध्यक्ष खरगे से मुलाकात की थी. दोनों नेता विपक्षी एकता पर चर्चा किए थे. स्टालिन ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि हम सबको एकजुट होना पड़ेगा तभी हम बीजेपी को हरा पाएंगे.
बीजेपी की जब से केंद्र में सरकार बनी है उसके बावजूद तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पायी है. तमिलनाडु में 39 लोकसभा सीट है. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कुछ खास सफलता नहीं मिली थी इसलिए बीजेपी यहां पर जोर लगा रही है.
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