Supreme Court: स्किन टू स्किन टच वाला फैसला देने वाली जज की नहीं होगी स्थाई नियुक्ति

Supreme Court: नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) कॉलेजियम ने स्किन टू स्किन टच जजमेंट देने वाली जज पुष्पा गनेड़ीवाला की स्थाई रूप से जज की नियुक्ति के लिए सिफारिश नहीं करने का फैसला लिया है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बीते साल पुष्पा गनेड़ीवाला के स्किन टू स्किन टच जजमेंट को ध्यान में […]

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Supreme Court: स्किन टू स्किन टच वाला फैसला देने वाली जज की नहीं होगी स्थाई नियुक्ति

Aanchal Pandey

  • December 17, 2021 1:01 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

Supreme Court:

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) कॉलेजियम ने स्किन टू स्किन टच जजमेंट देने वाली जज पुष्पा गनेड़ीवाला की स्थाई रूप से जज की नियुक्ति के लिए सिफारिश नहीं करने का फैसला लिया है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बीते साल पुष्पा गनेड़ीवाला के स्किन टू स्किन टच जजमेंट को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है.

क्या था पुष्पा गनेड़ीवाला का जजमेंट

बीते साल पोस्को एक्ट के तहत एक मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस पुष्पा गनेड़ीवाला ने यह फैसला सुनाया था कि जब तक पीड़ित और आरोपित के बीच स्किन टू स्किन टच नहीं होता तब तक इसे पोस्को एक्ट के तहत यौन उत्पीड़न नहीं माना जाएगा. पुष्पा गनेड़ीवाला ने बच्ची को गलत तरीके से छूने वाले आरोपित को यह दलील देते हुए बरी किया था कि बच्ची और पीड़ित के बीच स्किन टू स्किन टच नहीं था, यानी आरोपित ने कपड़ों के ऊपर से बच्ची को गलत तरीके से छूआ था इसलिए ये यौन उत्पीड़न के तहत नहीं आएगा.

कौन हैं तीन सदस्यीय कॉलेजियम के सदस्य

हाईकोर्ट में नियुक्तियों का निर्णय करने के लिए तीन सदस्यीय कॉलेजियम में भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना, और जस्टिस यूयू ललित और एएम खानविलकर शामिल हैं.

पुष्पा गनेड़ीवाला के फैसले पर मचा था बवाल

बीते साल पुष्पा गनेड़ीवाला के स्किन टू स्किन टच जजमेंट को लेकर देश भर में उनकी कड़ी आलोचना हुई थी. लोगों ने इस फैसले के लिए पुष्पा गनेड़ीवाला को खूब खरी-खोटी सुनाई थी जिसके बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस फैसले को वापस ले लिया था. बता दें कि इस जजमेंट के चलते बीते साल केंद्र सरकार ने अतिरिक्त जज के रूप में पुष्पा गनेड़ीवाला को दो साल का विस्तार देने पर असहमति जताई थी.

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