सुखबीर सिंह बादल ने की गेंहू निर्यात प्रतिबंध की निंदा, सरकार पर साधा निशाना

चंडीगढ़, शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल द्वारा गेंहू के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले की आज कड़ी आलोचना की गई. इसके अलावा भी संकट से जूंझ रहे किसानों को 500 रूपये प्रति क्विंटल मुआवजा देने की भी मांग की गई है. सुखबीर सिंह बादल ने क्या मांगा अकाली […]

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सुखबीर सिंह बादल ने की गेंहू निर्यात प्रतिबंध की निंदा, सरकार पर साधा निशाना

Riya Kumari

  • May 15, 2022 8:30 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

चंडीगढ़, शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल द्वारा गेंहू के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले की आज कड़ी आलोचना की गई. इसके अलावा भी संकट से जूंझ रहे किसानों को 500 रूपये प्रति क्विंटल मुआवजा देने की भी मांग की गई है.

सुखबीर सिंह बादल ने क्या मांगा

अकाली दल के अध्यक्ष निर्यात प्रतिबंध को हटाने की मांग की है. उन्होंने मांग में गिरावट आने से किसान और खेत मजदूरों के पीड़ित होने पर चिंता जताई है. साथ ही समाज के हर वर्ग पर इसके प्रभाव को लेकर भी चेताया है. सुखबीर सिंह बादल के शब्दों में, ‘निर्यात प्रतिबंधों को वापिस लेना अब और अधिक आवश्यक है. विशेष रूप से पंजाब के किसानों के लिए जिन्हें अप्रत्याशित मौसम में उतार चढ़ाव के कारण गेंहू की पैदावार को लेकर बड़ा झटका लगा है.’

इस्पात उत्पादन का दिया उदाहरण

उन्होंने आगे सरकार को सामान मानक लागू करने और उत्पादकता में गिरावट आने के संबंध में निति अपनाने को कहा. इस्पात उत्पादन में गिरावट का उदाहरण देते हुए सरदार बादल कहते हैं कि ‘इस्पात की कीमतें आसमान छू रही हैं, लेकिन इस्पात पर निर्यात प्रतिबंध नही है. यह मानदंड उन किसानों पर क्यों लागू नही हो सकता जो अर्थव्यवस्था की वास्तविक रीढ़ की हडडी हैं तथा देश के अन्नदाता हैं?

सरकार ने किया दिखावा

पूर्व डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि सरकार द्वारा इस मामले में अपर्याप्त और महत्वहीन उपाय किया गया. उनके शब्दों में, ‘‘ कुल उत्पादन में 33 फीसदी की गिरावट के सामने सिकुड़े हुए गेंहू में केवल 12 फीसदी की बढ़ोतरी केवल एक दिखावा मात्र है. उन्होने कहा कि छूट में केवल सिकुड़ा हुआ अनाज शामिल है, जबकि उपज में गिरावट पूरे उत्पादन को प्रभावित करती है। सरदार बादल ने कहा कि किसानों को हुए वास्तविक नुकसान से ध्यान हटाने के लिए यह चाल चली गई है.”

आप पर साधा निशाना

बादल ने आगे कहा, आप पार्टी की सरकार ने इस बारे में अब तक कुछ नहीं सोचा. किसानों ने इस मौसम में जो झेला है वह एक प्राकृतिक आपदा है और मुआवजे के अलावा और कुछ भी किसानों को इससे बचाने में मदद नहीं कर सकता.

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