New Delhi : हिमाचल प्रदेश सेब उत्पादन के लिए फेमस है.शिमला में सेब के बहुत से बागान हैं.यहां पर किसान सेब की खेती करके अच्छा खासा कमाई करते है.लेकिन यहां पर किसानों के अलावा देवी और देवताओं के भी बागान हैं.हिमाचल में देवी देवताओं के नाम पर काफी सारी जमीने हैं.यह जमीने एक नहीं बल्की कई बीघा के रूप में हैं .यहां पर देवी-देवता अपनी-अपनी जमीन के खुद ही मालिक होते है.इन्होंने बागानों को लीज पर भी दे रखा है.देवताओं के लिए यहां पर अलग ठेकेदार भी तय किए गए हैं.इन बागानों से हर साल लाखों की कमाई होती है.
डोमेश्वर देवता गुठाण में रॉयल सेब के अलावा अमेरिका और इटली की हाई डेंसिटी वाले सेब होते है.इस बगीचे में सेब के 500 पेड़ हैं.यहां पर गुडारू महाराज के नाम पर 80 बीघा की जमीन है. उनके पास 1500 सेब के पेड़ है.वहीं रुद्र देवता के पास 150 सेब के पेड़ हैं.यहां पर सेब की खेती की पैदावार बढ़ाने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता हैं.
देवताओं के नाम से अलग-अलग सभी बागानों से ठेकेदारों को बहुत पैसा मिलता है और लाखों की कमाई होती है.हर साल देवता की कमेटी के हिसाब से बगीचों से सेब की नीलामी होती है, फिर उनसे कमाई हुई रुपयों को देवताओं से जुड़े कामों में ही खर्च किया जाता है
शिमला के पुजारली गांव में देवताओं के नाम पर बगीचा हैं.इनमें रुद्र ठियोग ,देवता गवास और रोहड़ू के देवता गुडारू गुठाण और रोहड़ू डोमेश्वर महाराज गवास गुडारू महाराज के नाम से सेब के बगीचे हैं.कहा जाता है कि 468 जंगलों की देवता ही रक्षा करते हैं.
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