लखनऊ। उत्तर प्रदेश सहित देशभर में केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून का जमकर विरोध हो रहा है। कई संगठन इस कानून के विरोध में सड़कों पर आ गए हैं। कई जिलों में आज भी चक्का जाम और बसों-ट्रकों की हड़ताल है। इस गड़ताल में प्राइवेट बसों ट्रकों से लेकर सरकारी बसें भी […]
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सहित देशभर में केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून का जमकर विरोध हो रहा है। कई संगठन इस कानून के विरोध में सड़कों पर आ गए हैं। कई जिलों में आज भी चक्का जाम और बसों-ट्रकों की हड़ताल है। इस गड़ताल में प्राइवेट बसों ट्रकों से लेकर सरकारी बसें भी शामिल रही। अधिकतर राज्यों के हाईवेज पर ट्रक और प्राइवेट बस खड़ी हो गई। दरअसल, हिट एंड रन के नए कानून के तहत केंद्र सरकार ने 10 साल की सजा और 10 लाख जुर्माना लगाने का प्रावधान लागू किया है।
केंद्र सरकार के हिट एंड रन कानून के विरोध में निजी बसों के मालिकों की तीन दिवसीय हड़ताल का ग्रेटर नोएडा में व्यापक असर दिखा। इस हड़ताल से लंबी दूरी के यात्री सबसे ज्यादा परेशान दिखे। ठिठुरन भरी ठंड में बस के लिए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ा। बाराबंकी जिले में सोमवार को कई जगहोॆ पर ट्रक व अन्य वाहनों के चालकों ने सड़क पर प्रदर्शन किया। इस दौरान बाराबंकी बहराइच हाईवे करीब आधा घंटे बंद रहा। पुलिस ने 12 चालकों पर कार्रवाई की है। बता दें कि वाहन चालकों ने बरेली-शाहजहांपुर हाईवे समेत जिले में कई जगह जाम भी लगाया। ईंधन व अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति भी इससे प्रभावित रही। मंगलवार और बुधवार को भी ड्राइवर हड़ताल पर रहेंगे।
मुजफ्फरनगर में ट्रक, रोडवेज, प्राइवेट बसों सहित लगभग छह हजार वाहनों के पहिए थम गए। ट्रांसपोर्ट, परिवहन निगम और प्राइवेट बसों को हड़ताल से करीब डेढ़ करोड़ का नुकसान हुआ। बता दें कि प्राइवेट वाहनों के चालकों ने टेंपो, ई-रिक्शा को रोककर यात्रियों को उतार दिया। वहीं गाजीपुर में इस कानून के खिलाफ निजी बसों के चालक तथा परिचालक सोमवार को हड़ताल पर रहे। इससे 235 प्राइवेट बसों के पहिये रुक गए। लंका बस स्टैंड पर प्राइवेट बसों के ड्राइवरों और परिचालकों ने प्रदर्शन किया।