पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने पर सख्ती, फ्लाइंग स्क्वाड की तैनाती

नई दिल्ली: पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने को रोकने के लिए इस बार फिर बड़े दावे और उपाय किए जा रहे हैं। बीते सालों में पराली जलाने के बढ़ते मामलों के बावजूद, स्थिति में सुधार नहीं हुआ था। दोनों राज्यों में पिछले वर्ष करीब 40,000 पराली जलने के मामले दर्ज हुए थे। वहीं इस […]

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पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने पर सख्ती, फ्लाइंग स्क्वाड की तैनाती

Yashika Jandwani

  • October 1, 2024 8:20 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली: पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने को रोकने के लिए इस बार फिर बड़े दावे और उपाय किए जा रहे हैं। बीते सालों में पराली जलाने के बढ़ते मामलों के बावजूद, स्थिति में सुधार नहीं हुआ था। दोनों राज्यों में पिछले वर्ष करीब 40,000 पराली जलने के मामले दर्ज हुए थे। वहीं इस बार केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के निर्देश पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने पंजाब और हरियाणा के 26 जिलों में उड़नदस्ते की तैनाती की है। इस फ्लाइंग स्क्वाड में राज्य और संबंधित जिलों के अधिकारी शामिल होंगे, जो पराली जलाने की घटनाओं पर नजर रखेंगे।

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किसानों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान

हर साल दशहरा के बाद मौसम में परिवर्तन के साथ दिल्ली एनसीआर में धुंध की समस्या बढ़ जाती है। वहीं वर्तमान में दिल्ली के आनंद विहार इलाके का प्रदूषण स्तर रेड जोन में पहुंच चुका है और गाजियाबाद देश के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है। इस बार जिला प्रशासन ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए ठोस योजनाएं बनाई हैं, जिसमें पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान है। गाजियाबाद में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) की अध्यक्षता में मोनेटरिंग सेल का गठन किया गया है, जो जनपद स्तर पर निगरानी करेगा। वहीं तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारियों के नेतृत्व में मोबाइल स्क्वाड का गठन किया गया है। बता दें, यह दल ग्राम पंचायत और नगर पंचायत स्तर पर जलने वाली पराली और कूड़े की निगरानी करेगा।

15,000 रुपए तक जुर्माना

अपर कृषि निदेशक के अनुसार, पराली जलाने पर जुर्माना लगाया जाएगा, दो एकड़ से कम क्षेत्र में 2,500 रुपए , 5 एकड़ जमीन पर 5,000 रुपए और 5 एकड़ से अधिक पर 15,000 रुपए तक जुर्माना होगा। जिला प्रशासन किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए जागरूक करेगा। बता दें, ठंड के मौसम में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ती हैं, जिससे हवा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ जाता है। प्रदूषण के कारण विशेषकर बुजुर्गों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली-एनसीआर के लोग घर से बाहर निकलने से कतराने लगे हैं। इस कारण सरकार के द्वारा ये अहम कदम उठाए गए है.

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