पटना: आपने कुछ दिनों पहले ही जातिगत जनगणना के बारे में सुना ही होगा. वहीं बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर सियासत तेज हो गई है. बीते दिन तेजस्वी यादव ने जातिगत जनगणना को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. साथ ही साथ लालू प्रसाद यादव ने बीजेपी और आरएसएस को […]
पटना: आपने कुछ दिनों पहले ही जातिगत जनगणना के बारे में सुना ही होगा. वहीं बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर सियासत तेज हो गई है. बीते दिन तेजस्वी यादव ने जातिगत जनगणना को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. साथ ही साथ लालू प्रसाद यादव ने बीजेपी और आरएसएस को लेकर बड़ा बयान दिया है.
बता दें कि लालू यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट किया और कहा कि वह कान पकड़कर दंड बैठक करा कर बीजेपी और आरएसएस वालों से जातिगत जनगणना कराएंगे.
इनकी औकात ही क्या है, जो जातिगत जनगणना नहीं कराएंगे? हम इनको इसके लिए मजबूर कर देंगे और इन्हें गणना करना ही पड़ेगा.
लालू यादव ने आरएसएस के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है जिसमें कहा गया था कि जातिगत जनगणना समाज की एकता और अखंडता के लिए खतरा हो सकती है. इसी संदर्भ में, तेजस्वी यादव ने सोमवार को टिप्पणी की कि लोगों को यह समझने की आवश्यकता है कि बीजेपी जातिगत जनगणना का विरोध क्यों कर रही है और इसके पीछे का वास्तविक कारण क्या हो सकता है.
आगे बोलते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि ये लोग बाबा साहब के बनाए हुए संविधान को बदलना चाहते हैं और इनका एजेंडा साफ दिख रहा है कि यह संविधान को बदलना चाहते हैं. हालांकि बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. उससे पहले ही राज्य में सियासी भूचाल मचा हुआ है. वहीं विपक्ष राज्य सरकार पर हमला करने किसी भी तरह का मौका नहीं छोड़ रही है, तो वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी पार्टी भी विपक्ष पर निशाना साधती नजर आ रही है.