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दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हजारों छात्र, छात्रों का आरोप- SSC परीक्षाओं में हो रहा घोटाला, 50 लाख रुपये में बिक रही नौकरी

नई दिल्लीः स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (SSC) की परीक्षा में बड़े स्तर पर हो रही गड़बड़ी की जांच की मांग को लेकर दिल्ली में पिछले दो दिनों से हजारों की संख्या में छात्र जमा हैं. छात्रों का आरोप है कि एसएससी परीक्षा में घोटाला हो रहा है. परीक्षा में धांधली से जुड़ा एक स्क्रीन शॉट वायरल होने के बाद बवाल खड़ा हो गया और और धीरे-धीरे छात्र एसएससी के लोधी रोड स्थित दफ्तर पहुंचने लगे. छात्रों की मांग है कि इस घोटाले की निष्पक्ष तरीके से सीबीआई से जांच कराई जाए ताकि दोषियों पर कार्रवाई होने के बाद फिर से परीक्षा हो और छात्रों को उनकी योग्यता के बल पर नौकरी मिले न कि पैसों के बल पर.

दरअसल SSC के तहत 17 से 21 फरवरी तक अंग्रेजी और गणित की परीक्षाएं हुई थीं. गणित की परीक्षा से पहले पेपर की आंसर-की सोशल मीडिया पर किसी ने शेयर कर दी. छात्रों का आरोप है कि ऑनलाइन पेपर में ऐनी एडमिन, ऐनी डेस्क जैसे कुछ सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर एग्जाम सेंटर के अंदर बैठे बच्चों के पेपर सॉल्व किए गए. इसी से जुड़े स्क्रीन शॉट वायरल हुए थे. जिसके बाद विरोध की चिंगारी उठने लगी. एसएससी को इसकी भनक लगी तो अधिकारियों ने पेपर का समय बदल दिया लेकिन गड़बड़ी की बात नहीं कबूली.

परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी, जिसके बाद मामले के तूल पकड़ते ही एसएससी ने इस पेपर को रद्द करने का फैसला किया और अगली तारीख 9 मार्च तय की. एसएससी द्वारा इस फेरबदल से छात्रों का शक यकीन में बदल गया और 27 फरवरी से छात्र कार्रवाई की मांग को लेकर दिल्ली पहुंचने लगे. छात्रों का आरोप है कि एसएससी में परीक्षाओं के जरिए बड़ा घोटाला हो रहा है. उनके हक की नौकरियां बेची जा रही हैं. छात्रों की मानें तो 50 लाख रुपये प्रति सीट तक में नौकरी की डील हो रही है. योग्य छात्रों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ हो रहा है.

27 फरवरी को जब छात्रों की संख्या और विरोध की आवाजें बढ़ने लगीं तो एसएससी के चेयरमैन आशिम खुराना छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल से मिलने पहुंचे. छात्रों ने घोटाले की निष्पक्ष जांच के लिए इसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग कर डाली. खुराना ने छात्रों से कहा कि सीबीआई जांच में लंबा वक्त लगेगा. वह एक आंतरिक SIT गठित कर देते हैं जो केस की निष्पक्ष जांच करेगी लेकिन छात्र इसके लिए नहीं माने. फिलहाल केस की जांच को लेकर छात्रों और एसएससी के बीच गतिरोध जारी है. छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.

बुधवार को एक छात्र को हिरासत में लिए जाने और लाठीचार्ज की खबरें भी मिलीं. छात्रों के आक्रोश को देखते हुए कई नेता भी उनसे मिलने पहुंचे. दूसरी ओर कई नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से छात्रों का मनोबल बढ़ा रहे हैं. बहरहाल डिजिटल इंडिया की बात कहने वाले पीएम नरेंद्र मोदी को छात्रों के आरोपों पर चुप्पी जरूर तोड़नी चाहिए. इतना ही नहीं, अगर छात्रों के आरोप पुख्ता हैं तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर एक संदेश देना चाहिए कि जिस सख्त मिजाज के लिए वह जाने जाते हैं वह हाथी के खाने वाले दांत हैं, दिखाने वाले नहीं.

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Aanchal Pandey

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