जयपुर। श्रीकरणपुर विधानसभा सीट को जीतने के लिए बीजेपी का सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को मंत्री बनाने का मास्टर स्ट्रोक आखिर विफल साबित हुआ। उन्हें सोमवार को हुई मतगणना में हार का सामना करना पड़ा है। बता दें कि उनको कांग्रेस के प्रत्याशी रुपिंदर सिंह कुन्नर ने 12570 वोटों से हराया है। सीएम भजनलाल शर्मा ने […]
जयपुर। श्रीकरणपुर विधानसभा सीट को जीतने के लिए बीजेपी का सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को मंत्री बनाने का मास्टर स्ट्रोक आखिर विफल साबित हुआ। उन्हें सोमवार को हुई मतगणना में हार का सामना करना पड़ा है। बता दें कि उनको कांग्रेस के प्रत्याशी रुपिंदर सिंह कुन्नर ने 12570 वोटों से हराया है। सीएम भजनलाल शर्मा ने बीते दिनों सुरेंद्र पाल सिंह को चुनाव लड़े बगैर ही स्वतंत्र प्रभार का राज्य मंत्री बना दिया था। उनको चार मंत्रालय की जिम्मेदारी भी दी गई। कांग्रेस ने इसे बीजेपी की आचार संहिता का उल्लंघन बताया। वहीं, माना जा रहा है कि कांग्रेस प्रत्याशी रूपेन्द्र सिंह को उनके पिता के निधन की सहानुभूति मिली है। जिस वजह से टीटी को मंत्री बनाए जाने का दांव भी उल्टा पड़ गया।
श्रीकरणपुर विधानसभा सीट पर कुल 13 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था। जिसमें से एक नामांकन खारिज हो गया। जबकि एक नामांकन वापस ले लिया गया था। ऐसे में अब 11 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे। इनमें बीजेपी के सुरेंद्र पाल सिंह टीटी, कांग्रेस के रुपिंदर सिंह कुन्नर, बसपा के अशोक कुमार, आम आदमी पार्टी के प्रीतीपाल सिंह, नेशनल जनमंडल पार्टी से कृष्ण कुमार, शिरोमणि अकाली दल से बालकरण सिंह के साथ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में काला सिंह, चुकी देवी, छिंदरपाल सिंह और तितर सिंह भी उम्मीदवार थे। बता दें कि टीटी सातवें राउंड से ही रुपिंदर सिंह से पिछड़ते चले गए। बाद में रूपेंद्र सिंह ने टीटी को 12570 वोटों से हरा दिया।
राजस्थान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब भाजपा ने किसी प्रत्याशी को चुनाव लड़ने से पहले ही मंत्री बना दिया हो। इस दौरान बीते 5 जनवरी को बीजेपी ने अपनी मंत्रिमंडल का विस्तार किया। इसमें श्री करणपुर विधानसभा के बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया। इसके तहत उनको चार विभाग भी दिए गए हैं। इसमें कृषि विपणन, विभाग कृषि संचित विभाग और जल उपयोगिता विभाग, इंदिरा गांधी नहर, अल्पसंख्यक मामला और वक्फ बोर्ड शामिल है।