‘भाषण नहीं पढ़ा जाता कश्मीर चले जाओ, आंतकियों से….’ – राज्यपाल को लेकर DMK नेता का विवादित बयान

चेन्नई। DMK के नेता शिवाजी कृष्णमूर्ति ने तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के खिलाफ विवादित बयान दिया है। कृष्णमूर्ति ने गुरुवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि का अगर राज्यपाल अपने विधानसभा अभिभाषण में बाबा साहब अंबेडकर का नाम लेने से इनकार करते है, तो क्या मुझे उन पर हमला करने का […]

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‘भाषण नहीं पढ़ा जाता कश्मीर चले जाओ, आंतकियों से….’ – राज्यपाल को लेकर DMK नेता का विवादित बयान

SAURABH CHATURVEDI

  • January 14, 2023 7:33 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

चेन्नई। DMK के नेता शिवाजी कृष्णमूर्ति ने तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के खिलाफ विवादित बयान दिया है। कृष्णमूर्ति ने गुरुवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि का अगर राज्यपाल अपने विधानसभा अभिभाषण में बाबा साहब अंबेडकर का नाम लेने से इनकार करते है, तो क्या मुझे उन पर हमला करने का अधिकार नहीं है? आगे कृष्णमूर्ति ने राज्यपाल को कश्मीर जाकर आंतकवादियों द्वारा मारे जाने की बात बोल दी जिसके कारण इतना बड़ा विवाद खड़ा हो गया।

क्या है पूरा मामला

राज्यपाल आरएन रवि द्वारा विधानसभा में दिए जाने वाले अभिभाषण के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष ने राज्यपाल पर सरकार द्वारा तैयार किए गए अभिभाषण की कुछ लाइनों को पढ़ने से छोड़ दिया था, बताया जा रहा है इन लाइनों में बाबासाहब अंबेडकर को लेकर ज्रिक था। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने राज्यपाल को हिदायत देते हुए कहा कि, अभिभाषण के सामग्री की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद की होती है, राज्यपाल का यह कर्तव्य बनता है कि वह सरकार द्वारा तैयार किए गए अभिभाषण को पढ़े।

बीजेपी ने की आलोचना

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने राज्यपाल आरएन रवि के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी को लेकर डीएमके नेता की निंदा करते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की। भाजपा नेता नारायण तिरुपति ने डीएमके की संस्कृति पर प्रश्नचिन्ह उठाते हुए कहा कि, यह ही डीएमके की संस्कृति है। पिछले 60 सालों से वे ऐसी गंदी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, ऐसी भाषाशैली डीएमके के डीएनए में बसी हुई है।

आगे नारायण तिरुपति ने कहा, डीएमके के नेता ने राज्यपाल को गाली दी और उन्हे जम्मू-कश्मीर जाकर आंतकवादियों द्वारा मारे जाने की धमकी भी दी, क्या डीएमके का संबंध आंतकवादियों से है? इस मामले में डीएमके के नेताओं को एनआईए के जांच दायरे में रखना चाहिए, हमें संदेह है कि क्या डीएमके के संबंध आतंकवादियों के साथ है।

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