देश में सोलर पावर को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐसी विशेष सोलर जैकेट तैयार की गई है, जो दूरदराज इलाकों में तैनात सैनिकों और वनकर्मियों के लिए बेहद मददगार साबित होगी. इस जैकेट में टॉर्च और पंखा लगा हुआ है. साथ ही इससे आप मोबाइल भी चार्ज कर सकते हैं. जैकेट में जीपीएस भी लगाया जा सकता है. कोलकाता स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड इंजीनियरिंग के साइंटिस्ट और सोलर एक्सपर्ट एस.पी. गोन चौधरी की टीम ने सोलर जैकेट, सोलर वाटर प्यूरीफायर और सोलर बायोमैट्रिक एटीएम तैयार किया है.
कोलकाता/नई दिल्लीः देश में सोलर पावर को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान मंत्रालय के साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट ने एक ऐसी खास सोलर जैकेट तैयार की है, जो दूरदराज इलाकों में तैनात सैनिकों और वनकर्मियों के लिए बेहद मददगार साबित होगी. इस जैकेट में टॉर्च लगाई गई है, साथ ही इसकी जेब में बने प्वाइंट से मोबाइल भी चार्ज कर सकते हैं. इतना ही नहीं, चमकदार नेमप्लेट वाली इस जैकेट में एक पॉकेट सोलर फैन भी लगाया गया है. जैकेट में जीपीएस लगाने की भी तैयारी की जा रही है. विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने अपने आवास पर इस जैकेट को पहनकर डेमो दिया.
मंत्रालय के तहत आने वाले कोलकाता स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड इंजीनियरिंग के साइंटिस्ट और सोलर एक्सपर्ट एस.पी. गोन चौधरी ने इस जैकेट को तैयार किया है. चौधरी ने बताया कि जैकेट बनाने में करीब 4 हजार रुपये लागत आई है. जीपीएस लगाने पर इसकी लागत बढ़ जाएगी. जैकेट की पीठ पर 18 छोटे सोलर पैनल लगे हैं. जैकेट में इस्तेमाल मैटिरियल की बात करें तो इसे बनाने में ठंडे प्रदेशों में प्रयोग होने वाले इंसुलेटिंग मैटिरियल का उपयोग किया गया है. उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल पुलिस इसका ट्रायल भी कर रही है. खासतौर पर दूरदराज के इलाकों जहां बिजली नहीं आती है या लाइनें बिछाने में दिक्कतें आ रही हैं, वहां तैनात सैनिकों और वनकर्मियों के लिए यह जैकेट बेहद मददगार साबित होगी.
दूसरी ओर साइंटिस्ट एस.पी. गोन चौधरी ने एक सोलर वाटर प्यूरीफायर भी तैयार किया है. सोलर एनर्जी से चलने वाला यह वाटर प्यूरीफायर एक दिन में करीब 400 लीटर पानी साफ करेगा. इसमें 200 लीटर तक पानी स्टोर किया जा सकता है. यह सोलर वाटर प्यूरीफायर अशुद्ध पानी से आयरन और अन्य अशुद्ध तत्वों को अलग करने में पूरी तरह कारगर है. इसके अलावा इसमें अल्ट्रा फिल्ट्रेशन और अल्ट्रावायलेट रेज के जरिए पानी को पूरी तरह बैक्टीरिया मुक्त करने की भी व्यवस्था है. चौधरी ने बताया कि इसकी लागत करीब 35 से 40 हजार रुपये है. सोलर एनर्जी के क्षेत्र में तरक्की करते हुए इंस्टीट्यूट ने सोलर बायोमैट्रिक एटीएम का एक प्रारूप भी तैयार किया है. इसकी खासियत यह है कि इसमें पिन डालने के बजाय उंगली के इस्तेमाल से (बॉयोमीट्रिक की तरह) पैसे निकाल सकते हैं.
सोलर बायोमैट्रिक एटीएम ग्रामीण इलाकों को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है, जहां ज्यादातर लोग पढ़े-लिखे नहीं होते हैं और जहां बिजली की भी दिक्कत होती है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और बंधन बैंक ने अपनी दो ग्रामीण शाखाओं में इसे लगाने के लिए विभाग से संपर्क किया है.
इंटरनेशनल सोलर अलायंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहीं ये 10 अहम बातें