रविवार सुबह 7:35 बजे टीम सर्वे के लिए पहुंची थी। डीएम-एसपी भी मस्जिद के अंदर मौजूद थे। भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। तभी अचानक से बड़ी संख्या में भीड़ सड़क पर उमड़ने लगी। 2-3 हजार लोग अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाते हुए आगे बढ़ने लगे। उन्हें रोकने के लिए पुलिस अनाउंसमेंट कर रही थी लेकिन उन्होंने अनसुना कर दिया। तभी भीड़ में से पुलिस पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया गया। मुस्लिम महिलाएं छतों पर से ही पत्थर फेंके जा रही थी। फायरिंग और पत्थरबाजी में एसपी के पैर में चोट लगी और डिप्टी कलेक्टर भी घायल हो गए।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार को हुई हिंसा में 4 लोगों की मौत हो चुकी है। जामा मस्जिद के सर्वे का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने कई वाहन को जलाकर ख़ाक कर दिया। हिंसक भीड़ पुलिस पर भारी मात्रा में पथराव कर रही थी। छतों से पुलिस पर पत्थर फेंके जा रहे थे। इस हिंसा के बाद से सियासत गरमाई हुई है। इधर पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर FIR कराई गई है।
रविवार सुबह 7:35 बजे टीम सर्वे के लिए पहुंची थी। डीएम-एसपी भी मस्जिद के अंदर मौजूद थे। भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। तभी अचानक से बड़ी संख्या में भीड़ सड़क पर उमड़ने लगी। 2-3 हजार लोग अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाते हुए आगे बढ़ने लगे। उन्हें रोकने के लिए पुलिस अनाउंसमेंट कर रही थी लेकिन उन्होंने अनसुना कर दिया। तभी भीड़ में से पुलिस पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया गया। मुस्लिम महिलाएं छतों पर से ही पत्थर फेंके जा रही थी। फायरिंग और पत्थरबाजी में एसपी के पैर में चोट लगी और डिप्टी कलेक्टर भी घायल हो गए।
संभल में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। जिला प्रशासन ने 25 नवंबर को 12वीं तक की कक्षाएं बंद कर दी है। डीएम ने आदेश दिया है कि 1 दिसंबर तक बाहरी लोग यहां नहीं आ सकेंगे। संभल हिंसा में जिन 4 लोगों की जान गई है, उनकी पहचान रूमान खान (42), बिलाल (30) नईम (25) और नौमान के रूप में हुई है। पुलिस का कहना है कि उन्होंने दंगाइयों पर गोली नहीं चलाई। पुलिस ने पेलेट गन का इस्तेमाल किया ताकि किसी की जान न जाए। 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें वो महिलाएं भी शामिल हैं।
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