भुवनेश्वर: बालासोर ट्रेन हादसे में मरने वालों की तादाद लगातार बढ़ती ही जा रही है। इस हादसे में अब तक 288 लोगों के मारे जाने की खबर है। वहीं हादसे में घायलों की संख्या एक हजार से अधिक है। इस घटना के बाद सैकड़ों परिवारों में मातम पसर गया। ऐसा ही एक परिवार पश्चिम बंगाल […]
भुवनेश्वर: बालासोर ट्रेन हादसे में मरने वालों की तादाद लगातार बढ़ती ही जा रही है। इस हादसे में अब तक 288 लोगों के मारे जाने की खबर है। वहीं हादसे में घायलों की संख्या एक हजार से अधिक है। इस घटना के बाद सैकड़ों परिवारों में मातम पसर गया। ऐसा ही एक परिवार पश्चिम बंगाल का भी है। यहां काडू देवी नाम की बुढ़िया के आंसू नहीं थमते।
इस बुजुर्ग ने एक महीने पहले अपने बेटे को खो दिया और कल एक ट्रेन दुर्घटना में पिता और उसका पति भी गायब हो गए।काडू देवी का 10 वर्षीय भतीजा और पुरुलिया के हुरा का पड़ोसी पति कल से लापता हैं। ट्रेन में काडू देवी की बहू भी थी, जो इस समय अस्पताल में भर्ती है। काडू देवी ने बताया कि करीब एक महीने पहले उनके बेटे शुकदेव ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।
काडू देवी ने कहा कि कल मेरी बहू अर्चना कैंसर के इलाज के लिए वेल्लोर गई थी। बहू अपने अपने ससुर संजय और उनके दस वर्षीय बेटे सुमन को भी साथ लेकर गई थी। वहां से सभी ट्रेन से वापसी घर आ रहे थे। काडू देवी ने बताया कि शाम सात बजे के बाद उनकी बहू से फोन कॉल पर भी कोई बातचीत नहीं हुई, जिसके बाद पता चला कि ट्रेन कोरमंडल एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई है।
देर रात बहू का फोन आया कि वह अस्पताल में भर्ती है। अर्चना देवी ने फोन पर बताया कि मेरा बच्चा और ससुर अभी भी गायब हैं…. हम पोते और मेरे पति का इंतजार कर रहे हैं। काडू देवी बोलते-बोलते रोने लगी। उन्होंने कहा कि मेरे बेटे की एक महीने पहले मौत हो गई। अब पोते को खोने का डर है। बहू भी बीमार रहती है और दादा भी हादसे के बाद गायब हैं। अब मैं क्या करूं, कहां जाऊं? मुझे कुछ नहीं दिख रहा… कोई हमारी मदद करो।