मुंबई: आपने सांप की तस्करी के बारे में तोह ज़रूर सुना होगा, लेकिन हाल ही में मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक अनोखे तस्करी के मामले का खुलासा हुआ है. इस दौरान कस्टम विभाग की टीम ने कैमन प्रजाति के मगरमच्छ के बच्चों की तस्करी की कोशिश को नाकाम करते हुए […]
मुंबई: आपने सांप की तस्करी के बारे में तोह ज़रूर सुना होगा, लेकिन हाल ही में मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक अनोखे तस्करी के मामले का खुलासा हुआ है. इस दौरान कस्टम विभाग की टीम ने कैमन प्रजाति के मगरमच्छ के बच्चों की तस्करी की कोशिश को नाकाम करते हुए दो यात्रियों को गिरफ्तार किया है, जो विस्तारा से उड़ान भरने वाले थे.
कस्टम विभाग के अधिकारी ने जानकारी दी कि शुक्रवार रात हवाई खुफिया इकाई (एआईयू) ने संदिग्ध गतिविधियों के चलते इन यात्रियों की तलाशी ली, जिसमें उनके बैग से मगरमच्छ के बच्चे बरामद हुए। जांच के दौरान पाया गया कि यात्री अपने साथ पांच से सात इंच लंबे कैमन प्रजाति के मगरमच्छ के बच्चे लेकर आए थे, जिन्हें उन्होंने टूथपेस्ट के डिब्बों में छिपा रखा था। अधिकारियों ने बताया कि ये मगरमच्छ निर्जलीकरण से प्रभावित थे, इसलिए उन्हें तुरंत इलाज के लिए भेजा गया। इस मामले में तस्करी के आरोप में दोनों यात्रियों को हिरासत में लिया गया है और आगे की जांच जारी है।
कैमन प्रजाति के मगरमच्छ विशेष रूप से दक्षिण और मध्य अमेरिका में पाए जाते हैं। इनकी मुख्य चार प्रजातियां स्पीक्स कैमन, युकोर कैमन, ब्लैक कैमन और टैपाजो कैमन हैं। ये मगरमच्छ झीलों, नदियों और दलदली क्षेत्रों में निवास करते हैं। हालांकि यह प्रजाति आमतौर पर आक्रामक नहीं होती, लेकिन इनके शरीर से निकलने वाले स्केल्स का उपयोग कई उत्पादों के निर्माण में किया जाता है, जिससे इनकी तस्करी के मामले बढ़े हैं।
सीमा शुल्क विभाग और वन्यजीव प्राधिकरण अब एयरलाइन के साथ समन्वय कर रहे हैं ताकि वन्यजीव अधिनियम के तहत तय नियमों के अनुसार इन मगरमच्छों को उनकी प्राकृतिक निवास भूमि में सुरक्षित वापस भेजा जा सके। कैमन प्रजाति के मगरमच्छ अमेरिका की मूल प्रजातियों में शामिल हैं और इन्हें वहां की झीलों और नदियों में पुनर्स्थापित किया जाएगा।
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