बिहार से महाकुंभ में स्नान करने आई छह महिलाओं ने भी अपनी जान गंवा दी। मृतक महिलाओं का प्रयागराज में पोस्टमार्टम कराया गया है। इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
प्रयागराज। महाकुंभ में बीते दिन मौनी अमावस्या के मौके पर बड़ी अनहोनी हुई। भगदड़ मचने के कारण 30 लोगों की मौत हो गई और 19 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मृतकों में सबसे ज्यादा लोग उत्तर प्रदेश हैं। अभी तक 25 मृतकों की पहचान ही हो पाई है। वहीं बिहार से महाकुंभ में स्नान करने आई छह महिलाओं ने भी अपनी जान गंवा दी। मृतक महिलाओं का प्रयागराज में पोस्टमार्टम कराया गया है। इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
गोपालगंज में जिन चार महिलाओं की मौत हुई है, वे सभी जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों की रहने वाली थीं। इनमें बरौली थाना क्षेत्र के मदनपुर गांव की निवासी शिवकली देवी (65), भोरे थाना क्षेत्र के रामनगर गांव की निवासी पत्नी सरस्वती देवी (68), उचकागांव थाना क्षेत्र के श्यामपुर गांव की निवासी तारा देवी (60) और बलेसरा गांव की निवासी सुशीला देवी (65) शामिल हैं।
इसके अलावा औरंगाबाद के गोह प्रखंड के सोसौना गांव की निवासी राजरानी देवी (55) की भी भगदड़ में मौत हो गई। पटना के मनेर की सिया देवी (62) की भी भगदड़ में मौत हो गई। मुजफ्फरपुर के मुशहरी प्रखंड की शिवा देवी (60) की भी महाकुंभ में जान चली गई।
प्रयागराज में कुंभ मेले में अपनी मां शिवकली देवी के साथ गई संगीता देवी टूटकर रोते हुए कहा कि कैसे भीड़ पल भर में बेकाबू हो गई और उनकी मां को छीन लिया। मां भीड़ में कुचली गईं। बचाने की काफी कोशिश की, लेकिन बचा नहीं सकीं। बरौली के मदनपुर की संगीता ने फोन पर बताया कि वह मां को स्नान, दान और धर्म लाभ के लिए अपने साथ महाकुंभ ले गई थीं। वह रात करीब डेढ़ बजे मां के साथ संगम घाट पर स्नान करने गई थीं। वहां काफी भीड़ थी। साधुओं का काफिला गुजर रहा था, जिससे अचानक भीड़ बढ़ गई और भगदड़ मच गई। लोगों का दम घुटने लगा। इस दौरान जो भी नीचे गिरा, भीड़ उसे कुचलते हुए आगे बढ़ गई।
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