1 जनवरी, 2018 से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक के चेक मान्य नहीं होंगे. एसबीआई के जिन सहयोगी बैंकों के चेक नए साल में अमान्य होने वाले हैं, उनमें स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद और स्टेट बैंक ऑफ ट्रावनकोर शामिल हैं. इन बैंकों का इसी साल भारतीय स्टेट बैंक में विलय कर दिया गया था.
नई दिल्लीः स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक के चेक 31 दिसंबर तक ही वैध रहेंगे. 1 जनवरी से इन बैंकों के चेक अमान्य हो जाएंगे. एसबीआई के जिन सहयोगी बैंकों के चेक नए साल में अमान्य होने वाले हैं, उनमें स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद और स्टेट बैंक ऑफ ट्रावनकोर शामिल हैं. इन बैंकों का इसी साल भारतीय स्टेट बैंक में विलय कर दिया गया था.
इन बैंकों के अलावा भारतीय महिला बैंक का भी इसी साल एसबीआई में विलय कर दिया गया था. इन सभी बैंकों की चेकबुक और IFSC कोड 31 दिसंबर के बाद मान्य नहीं होंगे. 1 अप्रैल, 2017 को विलय के बाद एसबीआई ने इन बैंकों के पुरानी चेकबुक को 30 सितंबर, 2017 तक ही वैध करार दिया था. बाद में रिजर्व बैंक ने इसकी मियाद बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2017 कर दी थी. इससे पहले स्टेट बैंक करीब 1300 बैंक शाखाओं का IFSC कोड भी बदल चुका है. इन सभी बैंकों के कस्टमर्स को स्टेट बैंक से नई चेकबुक के लिए आवेदन करना होगा.
ग्राहक एटीएम, नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, मोबाइल एप के जरिए भी चेकबुक के लिए आवेदन कर सकते हैं. एसबीआई ने बड़े शहरों की कुछ शाखाओं के नाम, ब्रांच कोड और IFSC कोड भी बदल दिए हैं. इसलिए कहीं भी IFSC कोड की जानकारी देने से पहले एक बार अपने बैंक का IFSC कोड ध्यान से जांच लें. एसबीआई के इन एसोसिएट्स बैंकों के कस्टमर्स को पहले 1 अक्टूबर तक अपनी पुरानी चेकबुक को बंद करके नई चेक बुक लेने के लिए कहा गया था. बता दें कि हाल में ऐसी खबरों ने भी मीडिया में सुर्खियां बटोरी थीं, जिनमें यह कहा जा रहा था कि केंद्र सरकार डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही चेकबुक सिस्टम खत्म कर सकती है.
केंद्र सरकार का चेकबुक बैन करने का कोई इरादा नहीं- वित्त मंत्रालय